बक्सर: बिहार में कोरोना वायरस का कहर लगातार जारी है। एक ओर सरकार जहां स्थिति को संभाली हुई बता रही है, वहीं दूसरी तरफ लाशों को जलाने के लिए लोगों को लकड़ी नहीं मिल रही है। जिसके कारण लाशों को अब गंगा में बहा रहे हैं। रविवार को ऐसा ही मामला बक्सर से सामने आया, जहां महादेव घाट पर 45 शवों को नदी से निकाला गया है।
यह मामला सामने आते ही प्रशासन की सांस फूल गई। आनन-फानन में अधिकारी घाट पर पहुंचे और लाशों को नदी से निकालने का काम शुरू किया है। वहीं जब इन शवों को लेकर प्रशासन से सवाल किया गया तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर लिए। अधिकारियों ने कहा कि, यह लाशे बिहार की नहीं उत्तर प्रदेश की है। जो बह कर यहां आ रही है।
बिहार में नदियों में लाश बहाने की परंपरा नहीं
बक्सर एसडीओ के के उपाध्याय ने कहा, “गंगा में दिखाई देने वाली 10-12 लाशें दूर से तैरती हुई आईं। ऐसा लगता है कि ये लाशें पिछले 5-7 दिनों से तैर रही थीं। हमारे यहां नदियों में शवों को विसर्जित करने की परंपरा नहीं है। हम इन लाशों का अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “यह पता लगाना एक जांच का विषय है कि क्या ये लाशें वाराणसी, इलाहाबाद या किसी अन्य जगह से आती हैं। हम घाट क्षेत्रों के पास अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए सचेत कर रहे हैं कि यह दोबारा न हो।”
It is a matter of investigation to ascertain if these corpses come from Varanasi, Allahabad, or any other place. We are alerting officials near ghat areas to make sure that it does not happen again: Buxar SDO, KK Upadhyay pic.twitter.com/K4viQV1WWe
— ANI (@ANI) May 10, 2021
चौसा घाट की हालात बेहद दयनीय
एक ओर जहां प्रशासन लाशों को लेकर सफाई दे रहा है, वहीं स्थानीय लोग इसका सीधा उलट बता रहे हैं। स्थानीय निवासी नरेंद्र कुमार मौर्या ने कहा, “चौसा घाट की हालात बेहद दयनीय है। कोरोना के वजह से यहां रोजाना 100-200 लोग आते हैं और लाश जलाने के लिए लकड़ी नहीं मिलती है तो नदी में ही फेंक कर चले जाते हैं। जिसके कारण आस पास के इलाको में भय का माहौल बना हुआ है।