नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने सोमवार को कहा कि निवास प्रमाण पत्र (Residence Certificate) जारी करने में सुविधा के लिए जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) प्रशासन सैद्धांतिक रूप से नियमों में बदलाव करने पर सहमत हो गया है। उन्होंने कहा कि किसी बच्चे द्वारा अपने माता-पिता में से किसी एक का स्थायी निवास प्रमाण पत्र (पीआरसी) पेश करने पर उसे निवास प्रमाण पत्र जारी किए जाने में विशेष रूप से सुविधा होगी।
कार्मिक राज्यमंत्री सिंह ने ट्वीट कर कहा, “जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्य सचिव सुब्रमण्यम के साथ चर्चा के बाद केंद्रशासित प्रदेश निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए नियमों में बदलाव करने में सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गया है। औपचारिक आदेश जल्द जारी होंगे।”
After discussion with #JammuKashmir LG Sh Manoj Sinha & CS Sh Subrahmanium, the UT Govt has agreed in principle to amend/modify rules for ease in issue of #DomicileCertificate. Formal orders being issued soon.
This will… 1/2— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) September 28, 2020
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “इससे विशेष रूप से उन बच्चों को निवास प्रमाण पत्र जारी करने में सहूलियत होगी जो माता-पिता में से किसी एक का भी पीआरसी पेश करेंगे और बाहर की उन महिलाओं को भी फायदा होगा जिन्होंने पीआरसी धारक किसी व्यक्ति से शादी की है।”
particularly facilitate issuing Domicile Certificate to children producing PRC of any of the parents and women from outside married to PRC holder men. 2/2
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) September 28, 2020
अधिकारियों ने बताया कि यह बात संज्ञान में आई कि निवास प्रमाण पत्र जारी करने के आवेदनों को अधिकारी मई में जारी एक आदेश के “प्रावधानों की गलत व्याख्या के कारण” खारिज कर रहे हैं और पीआरसी धारक किसी व्यक्ति से शादी करने वाली जम्मू-कश्मीर से बाहर की निवासी किसी महिला को भी “प्रावधान नहीं होने के कारण” प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। इसके बाद ही यह कदम उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि आवेदन इस आधार पर भी खारिज किए जा रहे हैं कि पिता का पीआरसी संलग्न नहीं किया जा रहा है। बच्चे को निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मां की पीआरसी को वैध दस्तावेज नहीं माना जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन आवश्यक नियमों में संशोधन के लिए सिद्धांत रूप से सहमत हो गया है ताकि लोगों को निवास प्रमाण पत्र हासिल करने में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े।
उन्होंने कहा कि अभी तक निवास प्रमाण पत्र के लिए 21.99 लाख से अधिक आवेदन हासिल हुए और केंद्र शासित प्रदेश सरकार ने 18.52 लाख से अधिक प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।
सरकार ने जम्मू-कश्मीर निवास प्रमाण पत्र मंजूरी (प्रक्रिया) नियम, 2020 को 18 मई को अधिसूचित कर दिया और सरकारी कर्मचारियों सहित विभिन्न श्रेणी के गैर स्थानीय लोगों को निवास प्रमाण पत्र के लिए पंजीकरण कराने की अनुमति दे दी।
नये निवास कानून के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में स्थायी रूप से नहीं रहने वाला कोई भी व्यक्क्ति केंद्रशासित प्रदेश में निवास प्रमाण पत्र हासिल कर सकता है, बशर्ते उसके पास कम से कम 15 वर्षों तक राज्य में रहने का सबूत हो। (एजेंसी)