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कोलकाता. तिब्बत की निर्वासित सरकार के अध्यक्ष लोबसांग सांगेय ने हाल ही में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की मौत की घटना की निंदा करते हुए सोमवार को कहा कि यह चीन की ”विस्तारवादी रणनीति” का हिस्सा है। सांगेय दलाई लामा के उत्तराधिकारी भी हैं। भारत चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित वेबिनार में सांगेय ने कहा कि चीन की यह ”बड़ी चाल” जारी है और भारत को उसकी सरकार पर दवाब डालने के लिये सभी लोकतांत्रिक देशों का गठबंधन बनाना चाहिये।

उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हाल ही में हुई घटना चीन की ”विस्तारवादी रणनीति” का हिस्सा है। केन्द्रीय तिब्बती प्रशासन के अध्यक्ष सांगेय ने कहा, ”हम इस हमले की निंदा करते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिये था।” उन्होंने कहा कि चीन एक ऐसा देश है ”जिसकी कोई विश्वसनीयता या वैधता नहीं है। इसलिये वह भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ तनाव पैदा कर रहा है।”

सांगेय ने अपने देश तिब्बत पर चीन के कब्जे को याद करते हुए कहा कि चीन ने कहा था कि उसे व्यापारिक उद्देश्यों के लिए तिब्बत तक सड़क बनाने की आवश्यकता है। ”लेकिन एक बार सड़क निर्माण पूरा होने के बाद चीन ने इस क्षेत्र पर कब्जे के लिए तिब्बत में टैंक और सेना भेज दी। ये सबकुछ चीन द्वारा पूर्व नियोजित था।” उन्होंने कहा कि चीन ने तिब्बत में शांति का वादा किया था। ”लेकिन अंत में हम सबकुछ हार गए। अब वह (चीन) अपने फायदे के लिये तिब्बत के खनिज संसाधन निकाल रहा है।”