जम्मू में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की रखी नींव, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी रहे मौजूद

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    जम्मू: जम्मू में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की आधारशिला रविवार को रखी गई और समारोह में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और जितेंद्र सिंह के साथ-साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए। श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर और उससे जुड़े बुनियादी ढांचे का निर्माण जम्मू के पास मजीन गांव में 62.06 एकड़ भूमि पर किया जाएगा। मंदिर का प्रशासन टीटीडी के अधीन होगा जो आंध्र प्रदेश में तिरुमाला-तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन भी करता है।

    टीटीडी न्यास बोर्ड के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी ने बोर्ड के अन्य सदस्यों जिनमें विधायक भी शामिल हैं, के साथ समारोह में शिरकत की। इस समारोह में कई स्थानीय राजनीतिक नेता, नागरिक और पुलिस अधिकारी, शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया।

    उपराज्यपाल की अगुवाई वाली जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक परिषद ने एक अप्रैल को टीटीडी को 40 साल की अवधि के लिए पट्टे के आधार पर मंदिर और उसके संबद्ध बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इसके बाद मंदिर निर्माण, तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाएं, एक वेद पाठशाला, एक आध्यात्मिक और ध्यान केंद्र के निर्माण के लिए मजीन में 62.02 एकड़ भूमि टीटीडी को दी गई।

    प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू कश्मीर में टीटीडी के आगमन से आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ पर्यटन क्षमता, विशेष रूप से जम्मू में तीर्थ पर्यटन में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि माता वैष्णो देवी मंदिर और अमरनाथ मंदिर के अलावा भी यहां तीर्थ यात्री और पर्यटक आकर्षित होंगे और यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।

    कार्यक्रम में शिरकत करने वाले जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, “जम्मू मंदिरों का शहर है और शहर में सबसे श्रद्धेय बालाजी मंदिर के जुड़ने से लोगों को फायदा होगा।” उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश और उससे सटे राज्यों के लोगों को प्रार्थना के लिए आंध्र प्रदेश जाने के बजाय यहां प्रार्थना करने का मौका मिलेगा।

    नेशनल कॉन्फ्रेंस के क्षेत्रीय प्रमुख देवेंद्र सिंह राणा ने आशा व्यक्त की कि स्थानीय लोगों को मंदिर निर्माण की गतिविधियों में रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “ हमें उम्मीद है कि यह उत्तर भारत के लोगों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन जाएगा और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।”(एजेंसी)