Nobel laureate Doherty expresses concern over relaxation in lockdown

Loading

कोलकाता. नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रोग प्रतिरक्षा वैज्ञानिक पीटर चार्ल्स डोहर्टी ने भारत जैसे घनी आबादी वाले देशों में लॉकडाउन में ढील देने को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि कोरोना वायरस संकट से निपटना सरकारों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पूर्णतया लॉकडाउन लागू करना ‘‘आर्थिक और सामाजिक रूप से असंभव” है। आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक डोहर्टी ने सचेत किया कि आगामी दिनों में संक्रमण के मामले और बढेंगे तथा इस संक्रमण को काबू करने के लिए प्रभावी टीका उपलब्ध होने में नौ से 12 महीने का समय लग सकता है।

डोहर्टी ने ‘पीटीआई भाषा’ को ईमेल के जरिए दिए साक्षात्कार में कहा कि कोरोना वायरस इंफ्लुएंजा की तरह तेजी से नहीं बदलता, इसलिए अभी तक की जानकारी के अनुसार ‘‘एक ही टीका सभी जगह काम कर सकता है”। मेलबर्न विश्वविद्यालय के डोहर्टी संस्थान में ‘माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी डिपार्टमेंट’ में सेवाएं दे रहे डोहर्टी ने लॉकडाउन पर चर्चा करते हुए कहा, ‘‘यदि यह केवल विज्ञान का मामला होता, तो हर जगह पूरी तरह लॉकडाउन लागू होना चाहिए था, लेकिन यह आर्थिक एवं सामाजिक रूप से असंभव है।” उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका है और इसके बढ़ने की दर इस बात पर निर्भर करेगी कि लोग कितना जिम्मेदाराना व्यवहार करते हैं और त्वरित कार्रवाई एवं जांच की क्षमता कितनी है।

वैज्ञानिक ने कहा, ‘‘भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में यह मुश्किल होगा।” डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस के फिर से जोर पकड़ने की आशंका जताई है। इसके बावजूद भारत समेत कई देशों ने मध्य मई से लॉकडाउन में ढील देनी शुरू कर दी है। भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसका चौथा चरण रविवार को समाप्त होगा। लॉकडाउन के विकल्प के बारे में पूछे जाने पर 79 वर्षीय डोहर्टी ने कहा कि टीका उपलब्ध होने तक सीमाएं बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कोविड-19 के उपचार के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल के खिलाफ सचेत करते हुए कहा, ‘‘मेरा मानना है कि गंभीर बीमारी में दवा का इस्तेमाल निश्चित ही विपरीत संकेत देता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यदि इसे शुरुआत में या निवारक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, तो यह उपयोगी हो सकती है या नहीं। इस संबंधी परीक्षण उचित तरीके से नहीं किए गए हैं।”

हालांकि उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी संक्रमण से निपटने में मददगार हो सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में इस संक्रामक रोग से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,971 हो गई है और संक्रमितों की संख्या 1,73,763 पर पहुंच गई है। भारत कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची में नौवें स्थान पर है।(एजेंसी)