gehlot

    Loading

    जयपुर: राजनीतिक नियुक्तियों व मंत्रिमंडल विस्तार में टालमटोल को लेकर अपनी ही पार्टी और सचिन पायलट समर्थक विधायकों की नाराजगी का सामना कर रही सत्ताधारी कांग्रेस सरकार को अब बसपा से उसमें शामिल होने वाले विधायकों के मुखर स्वर भी सुनने पड़ रहे हैं।

    करौली से विधायक लाखन सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार होना चाहिए क्योंकि इससे सरकार की कार्यकुशलता बढ़ेगी। वहीं, उदयपुरवाटी से विधायक राजेन्द्र गुढा ने कहा कि ”एक साल पहले यदि बसपा से कांग्रेस में आने वाले छह विधायक और 10 निर्दलीय नहीं होते तो आज सरकार की प्रथम पुण्यतिथि की तैयारी होती।”

    बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों में से तीन विधायक लाखन सिंह, राजेन्द्र गुढा और संदीप यादव जयपुर में यादव के निवास पर मिले, हालांकि उन्होंने इसे एक सामान्य बैठक बताया। लाखन सिंह ने कहा कि ‘‘राज्य में नौ मंत्रियों की सीट खाली है। कुछ विभाग पूर्णतया सरकारी अधिकारियों पर निर्भर हैं और यदि उन विभागों में मंत्रियों की नियुक्ति हो जाये तो वो अच्छे तरीके से काम करेंगे। मुझे उम्मीद है जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।”

    वहीं दूसरी ओर, पूर्व मंत्री और उदयपुरवाटी से विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने सोमवार को कहा, ‘‘आज से लगभग 11 महीने पहले 19 विधायक कांग्रेस को छोड़कर चले गये थे और यदि बसपा से कांग्रेस में आने वाले छह विधायक और 10 निर्दलीय नहीं होते तो आज सरकार की प्रथम पुण्यतिथि की तैयारी होती।”

    उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में आलाकमान को गणित लगाने की जरूरत कहां है.. सीधा सा गणित है कि यदि 10 निर्दलीय और छह बसपा के लोग उस समय सरकार को नहीं बचाते तो आज सरकार की प्रथम पुण्यतिथि की तैयारी होती.. यह आलाकमान की समझ में क्यों नहीं आ रहा.. मुझे पता नहीं।” पायलट गुट के दबाव बनाये जाने के सवाल का जवाब देते हुए गुढा ने कहा, ‘‘मुझे तो पता नहीं इस बात का…लेकिन मुझे तो यह पता है… हम नहीं होते तो सरकार की प्रथम पुण्यतिथि होती।”

    तीनों विधायकों की बैठक को लेकर अलवर के तिजारा से विधायक यादव ने कहा, ‘‘ यह एक सामान्य बैठक थी और उन्होंने मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।” लाखन सिंह, राजेन्द्र गुढा, संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, जोगेन्द्र अवाना ने 2018 में विधानसभा चुनाव बसपा उम्मीदवार के रूप में जीता था। सितम्बर 2019 में बसपा के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गये थे।

    पिछले साल पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व से बगावत करने के बाद बसपा के इन छह विधायकों ने अशोक गहलोत गुट को समर्थन दिया था।पायलट गुट ने सरकार और पार्टी आलाकमान पर मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि पिछले वर्ष पायलट द्वारा उठाये गये मुद्दों का अभी तक समाधान नहीं निकला है।

    इस बीच, राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने बहुप्रतीक्षित राजनीतिक नियुक्तियों की शुरुआत करते हुए सोमवार को 33 निकायों में 196 नगर पालिका व नगर परिषद सदस्यों का मनोनयन किया।