हरिद्वार (उत्तराखंड): कोविड-19 महामारी (Covid-19 Epidemic) के बावजूद महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) पर महाकुंभ (Mahakumbh) के पहले शाही स्नान (Royal Bath) में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं (Devotees) का सैलाब उमड़ा, जहां हर की पौड़ी (Har ki Pauri) स्थित ब्रह्मकुंड (Brahmakund) में गंगा (Ganges) में डुबकी लगाने आए सात संन्यासी अखाड़ों (Sanyasi Akhada) के साधु संतों (Sages) पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Chief Minister Tirath Singh Rawat) के निर्देश पर हेलीकॉप्टर से भी पुष्प वर्षा (Flower Rain) की गई। यह पहला मौका था जब कुंभ में शाही स्नान के लिए आए साधु संतों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।
पहले शाही स्नान के अवसर पर परिवार सहित यहां पहुंचे मुख्यमंत्री रावत ने स्वयं साधु संतों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। रावत ने कहा, ‘‘मैं साधु संतों के अभिनंदन के लिए यहां आया हूं और मैंने उन पर पुष्पवर्षा की है। साथ ही हेलीकॉप्टर से भी उन पर पुष्पवर्षा करवाई है। पहली बार ऐसा किया गया है और इससे साधु-संत बहुत प्रसन्न हैं।”
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर हरिद्वार में हर की पैड़ी पहुंचकर मां गंगा से प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर शाही स्नान के लिए आए साधु-संतों और श्रद्धालुओं का स्वागत किया। दिव्य, भव्य और सुरक्षित कुंभ के आयोजन के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। pic.twitter.com/bvqhQYTP9B
— Tirath Singh Rawat (@TIRATHSRAWAT) March 11, 2021
मेला प्रशासन ने महाशिवरात्रि पर 30 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का दावा किया और कहा कि स्नान सकुशल संपन्न हुआ। महाशिवरात्रि पर संन्यासी अखाड़ों के हज़ारों नागा साधु—संतों ने हर हर महादेव के जयघोष के साथ ब्रह्मकुंड पर गंगा में डुबकी लगाकर शाही स्नान किया।
हरिद्वार कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार किन्नर अखाड़े ने जूना अखाड़े के साथ स्नान किया। गंगा के विभिन्न घाटों पर ब्रह्ममुहूर्त में ही स्नान शुरू हो गया था जो देर शाम तक जारी रहा।
Uttarakhand: Flower petals showered upon sadhus participating in the first ‘shahi snan’ of Kumbh Mela 2021, in Haridwar earlier today. pic.twitter.com/UTAt0l1wtd
— ANI (@ANI) March 11, 2021
आस्था व मोक्ष की कामना लेकर देश के कोने—कोने से आए श्रद्धालुओं को कोरोना संक्रमण की बेड़ियां भी नहीं रोक पाईं और उन्होंने गंगा के सभी घाटों को भर दिया। हर की पैडी के ब्रहमकुंड क्षेत्र को अखाड़ों के शाही स्नान के लिए सुबह आठ बजे खाली करा लिया गया था लेकिन अन्य घाटों पर लाखों श्रद्धालु दिन भर गंगा में पुण्य की डुबकी लगाते रहे। शुभ मुहूर्त पर स्नान के लिए मंगलवार रात से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ना शुरू हो गया था।
मेला प्रशासन ने मेले के लिए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए थे और पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, मेलाधिकारी दीपक रावत व जिलाधिकारी सी रविशंकर खुद सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे। कुंभ क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर अर्धसैनिक बल और पुलिस के साथ बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड और नदी तट छेत्र में जल पुलिस की टीमें तैनात रही।
भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शाही स्नान के लिये पहले जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज की अगुवाई में श्रीपंच दशनाम जूना, श्री शंभू पंच अग्निअखाड़ा, श्रीपंच दशनाम आह्वान अखाड़ा के नागा साधु, संतों व दर्ज़नों महामंडलेश्वर अपने अपने रथों पर सवार होकर निकले। साथ में किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर संतों व अन्य संतो ने जुलूस की शक्ल में बैंड बाजों तथा अन्य वाद्य यंत्रों के साथ हरकी पैड़ी पहुंच कर ब्रह्मकुंड में क्रमवार स्नान किया।
मेला प्रशासन ने हरकी पैड़ी पर सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक का समय अखाड़ों के लिये ही आरक्षित किया हुआ था। जूना, अग्नि और आवाहन अखाड़े के शाही स्नान से वापसी के बाद पंचायती श्री निरंजनी और श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े के साधु संतों ने स्नान किया। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरकी पैड़ी पहुंच कर निरंजनी अखाड़े के सभी महंतों, साधु-संतों व महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
तीसरे चरण में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री अटल अखाड़े के संत स्नान के लिए ब्रह्मकुंड पहुंचें। सभी अखाड़े अपने -अपने अखाड़े की धर्म ध्वजा व अपने अखाड़े के इष्ट देव की पालकी लेकर चल रहे थे। अखाड़ों ने अपने अपने इष्ट देवताओं को स्नान भी कराया।
प्रशासन की सभी अखाड़ों की छावनियों से लेकर हरकी पैड़ी पहुंचने के मार्गों पर साधु-संतों और नागाओं को देखने व उनका आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर रथों पर सवार रहे जबकि नागा संत पैदल चले।
हालांकि, इस दौरान श्रद्धालु कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क पहनने और शारीरिक दूरी रखने जैसे दिशा-निर्देशों का पालन करते दिखाई नहीं दिए। हरिद्वार जिले की सीमा और मेला क्षेत्र में आने वाले लोगों की रैंडम सैंपलिंग भी की गई जिसमें चार लोग कोरोना संक्रमित निकले। (एजेंसी)