Order regarding "hospital with ventilator" was withdrawn at the residence of the Chief Minister of Bihar

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पटना. बिहार के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर वेंटिलेटर युक्त अस्पताल की स्थापना के प्रस्ताव संबंधी पत्र के मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के अधीक्षक ने इस संबंधी आदेश वापस ले लिया है। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के अधीक्षक द्वारा मंगलवार को पत्र लिखा गया था। वायरल हुए पत्र में कहा गया था कि स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव द्वारा दूरभाष पर दिये गये निर्देश के आलोक में मुख्यमंत्री के आवास पर वेंटिलेटर युक्त अस्पताल के संचालन के लिए पीएमसीएच के चिकित्सकों एवं नर्सों को मुख्यमंत्री आवास पर अलग अलग पाली में प्रतिनियुक्त किया जाता है। हालांकि, पीएमसीएच अधीक्षक विमल कारक ने मंगलवार शाम इस संबंधी आदेश को वापस लेते हुए मीडिया से कहा कि ऐसी व्यवस्था वहां आवश्यकता पड़ने की स्थिति के लिए की गई थी, पर आपसी विचार—विमर्श के बाद सहमति बनी कि मुख्यमंत्री आवास पर किसी चिकित्सक अथवा नर्स को नहीं भेजा जाएगा और उक्त आदेश को रद्द करने का निर्णय लिया गया ।

यह पूछे जाने पर कि क्या आदेश में ‘‘वेंटिलेटर युक्त अस्पताल” के संचालन की बात की गई थी, उन्होंने कहा कि उसका मतलब वेंटिलेटर की जानकारी रखने वाले चिकित्सकों और एनेस्थीसिया विशेषज्ञों से था, न कि वेंटिलेटर के साथ किसी की वहां प्रतिनियुक्ति की गई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्री आवास पर संक्रमण को लेकर अब एहतियात के तौर पर इसकी आवश्यकता नहीं है, कारक ने कहा, ‘‘पटना में कई ऐसे अस्पताल हैं जहां मरीजों को रखा जा सकता है और हमने अपने अस्पताल के प्राचार्य एवं विभागाध्यक्षों के साथ विचार—विमर्श कर यही निर्णय लिया कि पीएमसीएच में रखकर ही मरीज का इलाज करेंगे।” एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री के आवास पर तैनात अधिकारियों ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया। अधिकारियों से मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर प्रस्तावित “वेंटिलेटर युक्त अस्पताल” तथा चिकित्सकों नर्सों आदि की ड्यूटी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चिकित्सक वीवीआईपी आवासों का दौरा करते रहते हैं।

इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जद (यू) के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद से पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हमारे पास इस बारे में कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है इसलिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।” बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा, ‘‘बिहार के लोगों के साथ यह एक क्रूर मजाक है। अपने पर आयी है तो वेंटिलेटर की व्यवस्था कर ली गयी है… लेकिन प्रदेश की जनता को महामारी के दौरान भगवान भरोसे छोड दिया गया। लोग उन्हें इसके लिए माफ नहीं करेंगे।” उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक भतीजी और उनके आवास की सुरक्षा में तैनात एक पुलिस अधिकारी के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। (एजेंसी)