श्रीनगर. पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर एक “खुली जेल” बन गया है जहां किसी को भी अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार नहीं है। अधिकारियों ने मुफ्ती को यहां अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने से रोक दिया। इसके बाद महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें नजरबंद किया गया है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पुलवामा में पार्टी नेता वहीद पर्रा के आवास पर नहीं जाने दिया गया। पर्रा को इस सप्ताह की शुरूआत में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
मुफ्ती ने घोषणा की थी कि वह शुक्रवार को अपराह्र तीन बजे अपने आवास पर पत्रकारों से मुलाकात करेंगी। हालांकि पीडीपी प्रमुख द्वारा घोषित समय के आसपास यहां शहर के गुपकर क्षेत्र में मुफ्ती के ‘फेयरव्यू’ आवास से लगभग 100 मीटर दूरी पर कुछ पुलिसकर्मियों ने पत्रकारों को रोक लिया।
Press has been barred from entering my residence in Srinagar. This despite no written orders explaining my arbitrary detention. Kashmir is an open air prison where no one has the right to express their opinion.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 27, 2020
मुफ्ती ने ट्वीट किया, “श्रीनगर में मेरे आवास में प्रवेश करने से प्रेस को रोक दिया गया। ऐसा बिना किसी लिखित आदेश के किया गया। कश्मीर एक “खुली जेल” बना गया है जहां किसी को भी अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार नहीं है।” हालांकि पुलिस ने अपने असत्यापित ट्विटर अकाउंट के जरिये कहा कि मुफ्ती को नजरबंद नहीं किया गया है और उन्हें सुरक्षा कारणों से केवल पुलवामा की अपनी यात्रा को स्थगित करने को कहा गया है।
पीडीपी नेता की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने एक वीडियो में कहा कि उन्हें वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा परिसर से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्होंने अपने आवास के गेट पर उन्हें और उनकी मां को नजरबंद करने के कारणों के बारे में पूछा तो आवास के बाहर तैनात एक पुलिसकर्मी ने कहा, ‘‘कृपया दूसरे गेट पर जाएं। एसपी साहब और मजिस्ट्रेट वहां मौजूद हैं।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिनों से, जम्मू-कश्मीर प्रशासन उन्हें पुलवामा में वहीद पर्रा के परिवार से मिलने नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा वहीद को ‘‘निराधार आरोपों” के तहत गिरफ्तार किया गया है।
Ive been illegally detained yet again. Since two days, J&K admin has refused to allow me to visit @parawahid’s family in Pulwama. BJP Ministers & their puppets are allowed to move around in every corner of Kashmir but security is a problem only in my case. pic.twitter.com/U5KlWzW3FQ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 27, 2020
मुफ्ती ने सुबह ट्वीट किया था, “मुझे एक बार फिर गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया है। दो दिनों से, जम्मू-कश्मीर प्रशासन मुझे पुलवामा में वहीद पर्रा के परिवार से मिलने नहीं दे रहा है। भाजपा के मंत्रियों और उनकी कठपुतलियों को कश्मीर में हर जगह आने-जाने की अनुमति है लेकिन मेरे मामले में सुरक्षा संबंधी समस्या उत्पन्न हो जाती है।”
मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें और उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “अत्याचार की कोई सीमा नहीं है। वहीद को निराधार आरोपों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया और मुझे उनके परिवार को सांत्वना देने के लिए मिलने नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि मेरी बेटी इल्तिजा को भी घर में नजरबंद कर दिया गया है क्याोंकि वह भी वहीद के परिवार से मिलना चाहती है।”
इन आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे किसी पर कोई उपकार कर रही हो और अपनी मर्जी से इसे किसी को दे रही है और किसी से छीन रही है।
उन्होंने साथ ही कहा कि न्यायपालिका हस्तक्षेप नहीं कर रही है। एनआईए ने बुधवार को पीडीपी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद उर रहमान पर्रा को 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान समर्थन पाने के लिए कथित रूप से हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के साथ साजिश रचने के मामले में गिरफ्तार किया था।
पर्रा के नैरा गांव स्थित आवास पर शुक्रवार को उनके परिवार से मिलने के लिए मुफ्ती ने सुरक्षा मंजूरी मांगी थी। मुफ्ती के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए एक संवाद के अनुसार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और निदेशक विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) एस. डी. सिंह ने पुलवामा जिला पुलिस की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री की नैरा की प्रस्तावित यात्रा को पुनर्निर्धारित किए जाने की मांग की है।
Parking a truck in front of our gates is now standard operating procedure for this admin. They did the same to my father recently to stop him from praying. Personal liberty is treated as a favour by the govt, to give & withdraw at will, with no interference from the judiciary. https://t.co/yUjDhhZb9p
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 27, 2020
इस पूरे घटनाक्रम पर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “बाधा खड़ी करना इस प्रशासन की नयी मानक संचालन प्रक्रिया है। उन्होंने मेरे पिता को नमाज पढ़ने से रोकने के लिए हाल ही में ऐसा किया था। सरकार व्यक्तिगत स्वतंत्रता ऐसे दे रही है जैसे कोई उपकार कर रही हो, और अपनी मर्जी से इसे किसी को दे रही है और किसी से छीन रही है और न्यायपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है।”
गौरतलब है कि नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को ईद-मिलाद-उन-नबी पर हजरतबल दरगाह जाने से रोका गया था। मुफ्ती ने प्रशासन पर जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव से एक दिन पहले किसी भी तरह के विरोध को दबाने के लिए “डराने धमकाने” का आरोप लगाया।