थाना प्रभारी रूपा तिर्की के आत्महत्या की सीबीआई जांच की मांग

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    ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. साहिबगंज थाना प्रभारी (Sahibganj Police Station Incharge) रूपा तिर्की ने फांसी लगाकर आत्महत्या (Suicide) किया या उसकी हत्या की गई इस पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। रूपा की मौत को आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या करार दिया जा रहा है। रूपा की मौत को संदेहास्पद मौत करार देकर रांची (Ranchi) के सांसद संजय सेठ (MP Sanjay Seth) ने गहरी नाराजगी जताई है और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी कई सवाल उठाए हैं। संजय सेठ ने कहा कि रूपा तिर्की रांची की बेटी थी,  कई सपने लेकर वह यहां से साहिबगंज गई थी। एक सामान्य परिवार से निकलकर दरोगा की नौकरी करना, वहां खुद को साबित करना, अपने काम के प्रति अपने सेवा भाव से सबका दिल जीतना, यह सब रूपा तिर्की की खूबियाँ थी। रूपा तिर्की के जानने वाले भी इस घटना से बहुत मर्माहत हैं। 

    सेठ ने कहा कि जिन परिस्थितियों में रूपा तिर्की की आत्महत्या की बात कही जा रही है, वह गले से उतर नहीं रही है। जिस तरह की तस्वीरें सामने आ रही है, जिस तरह की बातें सामने आ रही है, उसमें इस बात पर कहीं से भी विश्वास नहीं होता कि यह मामला आत्महत्या से जुड़ा हुआ है।

    फोन कॉल के डिटेल भी निकाला जाना चाहिए

    सांसद ने कहा कि इस मामले में अविलम्ब रूपा के परिजनों से बात करनी चाहिए। रूपा के फोन कॉल के डिटेल भी निकाला जाना चाहिए। रूपा के वे सारे कलीग जो उसके आसपास थे, उनके साथ नौकरी करते थे, उन सब से कड़ी पूछताछ करने के अलावा मौत से जुडी हर बात की गहराई से जांच किया जाना चाहिए। सेठ ने कहा पूरे मामले को गौर से देखने पर पता चलता है कि यह मामला संदेहास्पद है और रूपा की मौत आत्महत्या वाली मौत नहीं है, बल्कि यह मौत की एक साजिश है।

    ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके

    रूपा की मौत पर सवाल खड़े होने लगे है। सांसद संजय सेठ के अलावा रूपा की मां  उसकी बहनें और बाकि परिजन भी रूपा की मौत को हत्या मान रहे है। इन सभी लोगों ने रूपा की मौत की सीबीआई जांच की मांग की है। संजय सेठ ने कहा की इस मामले में जांच के तहत रूपा के परिजनों से भी सरकार को बात करनी चाहिए और उनकी मांगों पर सरकार को अपनी सहमति देनी चाहिए। इस प्रकरण में जितने लोगों का नाम  सामने आया है, उन सब पर कार्रवाई करते हुए कड़ी पूछताछ होनी चाहिए। सेठ ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस राज्य में पुलिस की नौकरी कर रही महिला दारोगा भी सुरक्षित नहीं है तो आखिर सुरक्षित कौन है? सेठ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले को सीबीआई को सौंपा जाए और सीबीआई के द्वारा इसकी निष्पक्ष जांच हो ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। यदि राज्य सरकार और प्रशासन इस मामले में थोड़ी भी संवेदनशील है तो बिना देर किए इस मामले में सीबीआई को सौंप देना चाहिए। सेठ ने कहा कि रूपा के परिजनों के साथ वह हमेशा खड़े हैं। हर परिस्थिति में वह हमेशा उनके परिजनों को न्याय दिलाने का काम करेंगे और इसके लिए जहां भी जरूरत पड़े वह हमेशा खड़े रहेंगे। इस घटना पर संजय सेठ ने राज्य के प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के क्षेत्र में ऐसी घटनाएं होती हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह घटना एक बार फिर से बता रही है कि राज्य की बहन बेटियां बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं।