चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) ने सोमवार को किसान आंदोलन (Farmer Protest) को प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा है। बादल ने मौजूदा समय में चल रहे प्रदर्शन को लेकर चिंता जताते हुए लिखा, “मुझे ऐसा लगता है कि अगर सरकार ने वास्तव में किसानों की पहल के बारे में सोचा था तो ईमानदार प्रतिक्रिया पर अधिक ध्यान दिया जाता तो इस मुद्दे से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था।”
Former Punjab CM Parkash Singh Badal writes to PM Modi saying, “I’m deeply worried about ongoing farmers’ crisis. It seems to me that issue could’ve been dealt with better if govt had paid greater attention to honest feedback on what farmers really thought of govt’s initiatives.” pic.twitter.com/YjzZzpp7iL
— ANI (@ANI) December 7, 2020
आर्थिक ताने-बाने को करेगा प्रभावित
बादल ने अपने पत्र में आगे लिखा, “देश में गहरी उथल-पुथल मचाने वाले तीन अधिनियमों को किसानों को बनाए बिना वापस ले लिया जाना चाहिए और उनके परिवार को इस कड़ाके की ठंड में कोई और कष्ट उठाना ना पड़े।” उन्होंने कहा, “मुद्दा अकेले किसानों की चिंता नहीं करता बल्कि देश के संपूर्ण आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करता है।”
Letter further says,”Three Acts in question that have pushed the country into deep turmoil must be withdrawn without making farmers & their families endure any more suffering in this biting cold. Issue doesn’t concern farmers alone but affects entire economic fabric of country.” https://t.co/TAyO5hoDi5
— ANI (@ANI) December 7, 2020
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि क़ानूनों को लेकर पिछले 12 दिन से दिल्ली हरियाणा के सिंघु और टिहरी बॉर्डर पर जमे हुए हैं। वह लगातार तीनों क़ानूनों को बंद करने की मांग कर रहे हैं। वहीं कल विरोध में किसानों ने भारत बंद बुलाया है।
पद्म विभूषण लौटने का किया ऐलान
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बादल ने इसके पहले किसानों को समर्थन में केंद्र सरकार द्वारा मिले पद्म विभूषण लौटने का ऐलान कर चुके है।राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में बादल ने कहा, “मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है। मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं। ऐसे में अगर किसानों का अपमान हो रहा है तो किसी तरह का सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है। किसानों के साथ जिस तरह का धोखा किया गया है, उससे उन्हें काफी दुख पहुंचा है।”