पंजाब मंत्रिमंडल ने नर्सिंग पाठ्यक्रम शुल्क में संशोधन को दी मंजूरी

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चंडीगढ़. पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को शैक्षणिक सत्र 2020-21 से विभिन्न नर्सिंग पाठ्यक्रमों की शुल्क संरचना में संशोधन के लिए अपनी मंजूरी दी। एक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सीय शिक्षा और इससे जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया। शुल्क में वृद्धि केवल 2020-21 सत्र के नए छात्रों के लिए भविष्यलक्षी प्रभाव से लागू होगी। सभी मौजूदा नामांकित छात्रों के लिये पूर्ण पाठ्यक्रम की पुरानी दरें ही लागू रहेंगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि संशोधन सरकारी और निजी नर्सिंग कॉलेजों में सहायक नर्सिंग और मिडवाइफरी (एएनएम) पाठ्यक्रम के लिये प्रस्तावित है, जबकि राज्य के निजी कॉलेजों में बीएससी नर्सिंग (बुनियादी) और बीएससी नर्सिंग (पोस्ट बेसिक) के संदर्भ में यह लागू होगा। बयान के अनुसार, यह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के 2017 के आदेशों के अनुपालन में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के अधीन गठित समिति की सिफारिशों के अनुसार है। प्रवक्ता ने कहा, समिति ने विस्तृत विचार-विमर्श के बाद और अन्य राज्यों में शुल्क संरचना को ध्यान में रखने के साथ ही समग्र खर्चों में वृद्धि करते हुए, सर्वसम्मति से सिफारिश की कि सरकारी संस्थानों के लिए शुल्क निजी संस्थानों की तुलना में कम निर्धारित किया जाना चाहिए। एएनएम कोर्स की फीस सरकारी संस्थानों में 5,000 रुपये से बढ़ाकर 7,000 रुपये प्रति वर्ष और निजी संस्थानों में 14,375 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है।

सरकारी संस्थानों में बीएससी नर्सिंग (बेसिक) और बीएससी नर्सिंग (पोस्ट बेसिक) कोर्स के शुल्क में कोई वृद्धि नहीं होगी, जो कि 40,000 रुपये प्रति वर्ष है। हालांकि, निजी संस्थानों में इसे 40,250 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है। समिति ने सरकारी संस्थानों में एमएससी (नर्सिंग) पाठ्यक्रम शुल्क में कोई वृद्धि का प्रस्ताव नहीं दिया गया था। सरकारी संस्थानों में एमएससी (नर्सिंग) पाठ्यक्रम शुल्क प्रति वर्ष एक लाख रुपये है, और निजी संस्थानों में यह 1.75 लाख रुपये है। (एजेंसी)