sharad yadav
File Pic

Loading

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के पहले चरण के मतदान से पहले महागठबंधन (Grand Alliance) को एक और झटका लगा है. शरद यादव (Sharad yadav) की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (Jantantrik Janta Dal) ने महागठबंधन से खुद को अलग कर लिया है. सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि, “कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) द्वारा लगातार किए जारहे नजर अंदाज को देखते हुए हमने गठबंधन से अलग होकर   51 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतरने निर्णय लिया है.”

ज्ञात हो कि शरद यादव ने 2017 में नितीश कुमार द्वारा महागठबंधन को छोड़ एनडीए में वापस जाने का विरोध करते हुए जेडीयू से इस्तीफ़ा दे दिया था. उसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई और महागठबंधन में शामिल हो गए. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने माधोपुरा सीट से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें जेडीयू प्रत्याशी के हाथो हार का सामना करना पड़ा.  

शरद यादव की विरासत को बचाने के लिए चुनाव लड़ रहे  

श्रीवास्तव ने कहा, “विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले में देरी हो गई है क्योंकि शरद यादव जी की तबियत ठीक नहीं चल रही हैं और इसलिए हम अपने उम्मीदवारों को पहले चरण में मैदान में उतारने का फैसला नहीं कर सके.” उन्होंने जोर देकर कहा कि, “हम शरद यादव की विरासत को बचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.”

सभी मुख्यमंत्री के रूप में खुद को स्थापित करने में व्यस्त  

श्रीवास्तव ने आगे कहा कि, “न तो राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव और न ही कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को हराने के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों के का एक मजबूत गठबंधन बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली. हर कोई भाजपा को हराने के बजाय खुद को मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित करने में व्यस्त है.”