जम्मू कश्मीर के सांबा में जैश आतंकियों द्वारा घुसपैठ में इस्तेमाल संदिग्ध सुरंग का पता चला : डीजीपी

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जम्मू. जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रविवार को बीएसएफ ने 150 मीटर लंबी भूमिगत सुरंग का पता लगाया है। ऐसा संदेह है कि इसका इस्तेमाल जैश के चार आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ के लिये किया गया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने यह जानकारी दी। सिंह ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिरीक्षक, जम्मू सीमांत, एन एस जमवाल और पुलिस महानिरीक्षक, जम्मू क्षेत्र, मुकेश सिंह के साथ रीगल चौकी के निकट मौके का निरीक्षण किया।

उन्होंने कहा कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगरोटा के पास हाल ही में मुठभेड़ की जांच के बाद सुरंग का पता लगा है। राजमार्ग पर बान टोल प्लाजा के निकट बृहस्पतिवार को जांच के लिये एक ट्रक को रोका गया। उसमें चार पाकिस्तानी आतंकवादी छिपे थे। इसके बाद हुई मुठभेड़ में चारों आतंकवादी मारे गए।

पुलिस ने कहा कि इन आतंकवादियों के पास से 11 एके सीरीज की राइफलें, तीन पिस्तौल, 29 हथगोले, छह यूबीजीएल ग्रेनेड बरामद हुए थे। उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी जिला विकास परिषद चुनावों को बाधित करने के मकसद से भारत में आए थे। पुलिस महानिदेशक ने पत्रकारों को बताया, ‘‘पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से मिली कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को बीएसएफ के साथ साझा किया था, जिसने काफी प्रयासों के बाद सुरंग का पता लगा लिया।”

जामवाल ने सुरंग का पता लगाने के अभियान को “बड़ी सफलता” करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान से इसे लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने इस सुरंग का पता लगाने का पूरा श्रेय बल के कर्मियों की प्रतिबद्धता, समर्पण और प्रेरणा को दिया।

बीएसएफ के आईजी ने कहा, “2.5 मीटर चौड़ी और 25-30 मीटर गहरी इस सुरंग का निर्माण समुचित आभियांत्रिकी प्रयासों से किया गया, जिससे यह सुनिश्चित हो कि इसका पता आसानी से न चले। सुरंग के मुहाने पर सरकंडे लगाए गए थे।” उन्होंने पुलिस और खुफिया एजेंसियों से मिलने वाली नियमित जानकारियों और सहयोग की भी सराहना की, जिसकी वजह से सुरंग का पता जल्द चल सका।

बीते तीन महीनों के दौरान बीएसएफ ने सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दूसरी सुरंग का पता लगाया है। इससे पहले सीमा सुरक्षा बल को गालर इलाके में सीमा पर लगे बाड़ के पास सुरंग का पता चला था।

डीजीपी ने कहा, “बीएसएफ द्वारा पहली सुरंग का पर्दाफाश किये जाने के बाद यह पाकिस्तान की तरफ से खोदी गई दूसरी सुरंग है। नगरोटा में सफल अभियान के बाद सवाल ये था कि जैश आतंकवादी पाकिस्तान से भारत की सीमा में दाखिल कैसे हुए, राष्ट्रीय राजमार्ग कैसे पहुंचे और श्रीनगर जाने वाले ट्रक में कैसे बैठे?” (एजेंसी)