सड़कों पर निरंतर बजने वाले एम्बुलेंस के सायरन की आवाज अब थम जाना चाहिए : सीएम

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    ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के शुरुआती दौर में सड़कों पर निरंतर बजने वाले एम्बुलेंस (Ambulance) के सायरन की आवाजें अब कम होने लगी है। हम चाहते है कि इस सायरन की आवाज सुनाई ही न दें और ऐसा तब संभव हो पायेगा जब कोरोना संक्रमण और दूसरी बीमारियों पर हम काबू पा सकें। कोरोना संक्रमण से ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाई जा सके इसके लिए हम दिन-रात सजग और प्रयासरत्त हैं। राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (रिम्स) में 528 बेड की क्षमता वाले कोविड सेंटर का उद्घाटन इस बात का परिचायक है कि बेड (Bed) या ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से हम किसी भी मरीज को मरने नहीं देंगे। रिम्स के मल्टीस्टोरी पार्किंग परिसर में आज झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने 528 बेड की क्षमता वाले अस्थायी कोविड अस्पताल के उद्घाटन के दौरान उरोक्त बातें कही।

    रिम्स का मल्टीस्टोरी पार्किंग बिल्डिंग उपयोग में नहीं था। कोरोना संक्रमित मरीजों की दिन-रात बढ़ रही संख्या और निरंतर हो रही मौतों के मद्देनजर रिम्स प्रबंधन और झारखण्ड सरकार ने इस बिल्डिंग का उपयोग कोविड सेंटर के रूप में करने का निर्णय लिया और 12 से 15 दिनों के अथक प्रयास के बाद इस बिल्डिंग को अस्थाई तौर पर कोविड सेंटर अस्पताल में तब्दील कर दिया। जिसका ऑनलाइन उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया।

    रिम्स में हुआ 528 बेड वाले कोविड सेंटर का उद्घाटन 

    उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि  वर्तमान हालात में रिम्स में समुचित चिकित्सीय संसाधनों के साथ अस्थायी कोविड अस्पताल बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और रिम्स के तमाम पदाधिकारियों और कर्मियों के सहयोग से मात्र 12 से 15  दिनों में ही यह अस्पताल बनकर तैयार हो गया। यहां संक्रमितों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अस्पताल में 24 घंटे चिकित्सक, नर्स, वार्ड ब्वॉय उपलब्ध रहेंगे। यहां मरीजों की सहूलियत के लिए हेल्प डेस्क भी कार्य करता रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची, धनबाद और जमशेदपुर में स्थित मेडिकल कॉलेजों में मरींजों का सबसे ज्यादा दबाव है। यहां इलाज के लिए सबसे ज्यादा संक्रमित पहुंच रहे हैं। ऐसे मे  इन मेडिकल कॉलेजों के लिए सरकार उनकी जरूरतों के हिसाब से कार्य योजना लगातार बना रही है। इन्हें ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि संक्रमितों के इलाज में किसी तरह की दिक्कतें नहीं आए।

     सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही

    सीएम सोरेन ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इसी के मद्देनजर अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेड औऱ वेंटिलेटरों की संख्या में बढ़ोत्तरी करने का काम लगातार जारी है। रांची में रिम्स और सदर के अलावा नगर निगम के अस्पताल और डोरंडा स्थित रिसालदार बाबा अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हैं, वहीं कोडरमा में डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में 250 नए बेड औऱ सदर अस्पताल में 20 अतिरिक्त ऑक्सीजन युक्त बेडों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा जैसे-जैसे जरूरतें बढ़ेंगी, बेड भी बढ़ाए जाएंगे। रिम्स परिसर में बनाए गए अस्थायी कोविड अस्पताल से मरीजों को बेड मिलने में काफी सहूलियत हो जाएगी। ज्ञात हो कि रिम्स के मल्टीस्टोरी पार्किंग में 327 ऑक्सीजन युक्त बेड, ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में 73 आईसीयू बेड और रिम्स की पुरानी बिल्डिंग में 128 ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा एनटीपीसी के सहयोग से 108 औऱ बेड लगाए जा रहे हैं। इस तरह रिम्स में कोविड-19 को लेकर ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या बढ़कर लगभग 800 औऱ वेंटिलेटर भी लगभग ढ़ाई सौ हो गए हैं। इस सेंटर में निर्वाध्य रूप से ऑक्सीजन के अलावा डॉक्टर्स और स्वास्थ्य से जुड़ी हर उपयोगी सामग्री उपलब्ध रहेगी।

    बड़ों की संख्या बढ़ाई गई

    कोरोना को बड़ी चुनौती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पुरे देश में और अब खास कर झारखण्ड में एक बड़ी चुनौती बन कर उभर आया है पर हम इसे रोक पाने और इस चुनौती का हर संभव सामना करने के लिय निरंतर प्रायसरत्त हैं। हालांकि कोरोना की चुनौती के मुकाबले हम सीमित संसाधनों से ही इसका मुकाबला कर रहे है फिर भी  इसे जीत लेना ही हमारी पहली प्राथमिकता होगी, रिम्स में कोरोना जैसी आपात स्थिति के लिए 250 बेड ही उपलब्ध थे, जो मरीजों के अनुपात में काफी कम थे। इसके पूर्व रिम्स के निदेशक कामेश्वर प्रसाद ने ऑनलाइन उपस्थित लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए रिम्स में 260 सुरक्षित बेड की ही उपलब्धता थी, आवश्यकता पड़ने पर ऐसे बेड की संख्या 636 तक बढ़ाई गई। वर्तमान में मरीजों के अनुपात में बेड की संख्या बहुत कम पड़ रही रही थी। परन्तु आज उपयोग में नहीं आ रहे मल्टीस्टोरी पार्किंग बिल्डिंग में 528 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था हो जाने पर हम इतना सुनिश्चित कर पाने में कामयाब हुए है कि किसी भी मरीज को बेड की कमी के कारण रिम्स से लौटना नहीं पड़ेगा। रिम्स निदेशक ने रिम्स परिसर में 160 वेंटिलेटर युक्त बेड उपलब्ध कराने के लिए एनटीपीसी को भी धन्यवाद दिया। 

    मानव सेवा पहली प्राथमिकता 

    उद्घाटन के मौके पर उपस्थित राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना से निपटने के उनके प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मैं देख रहा हूँ कि मुख्यमंत्री अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बाद भी कोरोना से निपटने के लिए दिन-रात प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा की हमारा स्वास्थ्य विभाग किसी राजनीति से जुड़ा नहीं है बल्कि यह विभाग मानवता का विभाग है, जहाँ मानव सेवा पहली प्राथमिकता है। उद्घाटन कार्यक्रम में सांसद संजय सेठ स्थानीय विधयाक समरी लाल के अलावा विभागीय अधिकारीगण मौजूद थे।