चरित्रहीनता के आरोप में तीन न्यायाधीश बर्खास्त

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– पंकज चौरसिया 

पटना: अररिया (Araria) के तत्कालीन अवर न्यायाधीश (Junior Judge) एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (Chief Judicial Magistrate) कोमल राम (Komal Ram), अररिया के तत्कालीन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Additional District and Sessions Judge) जितेंद्र नाथ सिंह (Jitendra Nath Singh) और समस्तीपुर परिवार न्यायालय के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश (Chief Justice) हरीनिवास गुप्ता (Hariniwas Gupta) को सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Adminstration) की अधिसूचना के मुताबिक सेवा से हमेशा के लिए बर्खास्त (Dismissed) कर दिया गया है। इनकी बर्खास्तगी फरवरी 2014 से प्रभावी होगी। साथ ही इन्हें सभी तरह के सेवांत बकाए और अन्य लाभों से वंचित कर दिया गया है। यानी इन्हें सेवानिवृत्ति के बाद का भी कोई लाभ नहीं मिल सकेगा।

पटना हाईकोर्ट (Patna High court) के आदेश पर बिहार सरकार (Bihar Government) ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी की है। लगभग 7 साल पहले 26 जनवरी 2013 को तीनों न्यायाधीश नेपाल के मेट्रो गेस्ट हाउस विराट नगर में नेपाल पुलिस द्वारा आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए थे। तीनों न्यायाधीश अलग-अलग कमरे में ठहरे हुए थे। न्यायिक अधिकारी होने के कारण पुलिस ने इन्हें छोड़ दिया था, परंतु वहां के अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता दी थी। जिसके कारण इस मामले की जांच पूर्णिया के जिला जज संजय कुमार से कराई गई।

जांच में उन्होंने पाया कि गेस्ट हाउस के रजिस्टर से छेड़छाड़ कि गई थी एवम् उस पन्ने तक को फाड़ दिया गया था जिसमें इन तीनों की इंट्री की गई थी। जिला जज संजय कुमार ने अपनी जांच की रिपोर्ट पटना हाईकोर्ट को भेज दी थी। उनकी रिपोर्ट पर पटना हाईकोर्ट की स्टैंडिंग कमिटी ने इन्हें बर्खास्त करने की सिफारिश, पटना हाई कोर्ट से की। 8 फरवरी 2014 को तीनों न्यायाधीशों को चरित्र हीनता का दोषी पाया गया एवं इन्हें बर्खास्त करने का फैसला सुनाया गया।

बाद में तीनों न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट गए मगर सुप्रीम कोर्ट भी इन तीनों के खिलाफ जांच को सही ठहराया एवं पटना हाईकोर्ट की कार्यवाही को खारिज करने से साफ इनकार कर दिया। अंततः यह दोषी माने गए और फिर हाईकोर्ट ने इनकी बर्खास्तगी की अनुशंसा कर दी।