Three patients lost their lives due to negligence of Sadar Hospital management

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    ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. कोरोना मरीजों (Corona Patients) की जान बचाने के लिए भले ही झारखण्ड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ताबड़तोड़ कोविड अस्पतालों का उद्घाटन कर रहे हों, दुसरे राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हों पर राज्य के सदर अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही से हुए तीन मरीजों की मौत झारखण्ड सरकार की घोर लापरवाही का भी पोल खोल दिया। अपने राज्य में ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की जान नहीं जाएगी ऐसा दावा करने वाले हेमंत सोरेन के राज्य में रिम्स के बाद रांची के सबसे बड़े हॉस्पिटल सदर अस्पताल में ऑक्सीजन लिक होने के कारण तीन मरीजों की जान (Death) चली गई। एक हफ्ता पहले इसी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 5 लोगों की मौत हुई थी, जबकि उसी दिन यह भी खुलकर सामने आया था कि अस्पताल परिसर में 500 ऑक्सीजन सिलेंडर छुपा कर रखे गए थे।

    सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति किए जाने वाले कमरे में मोक्स रेगुलेटर लीकेज के कारण ऑक्सीजन आपूर्ति का स्तर 50 से सीधे 10 पर आ गया इससे ऑक्सीजन लगे मरीजों का दम घुटने लगा। प्रत्यक्षदर्शी दुसरे मरीजों ने बताया की ऑक्सीजन के कम हो जाने से किस तरह तड़प तड़प कर मरीजों ने दम तोड़ा। इलाजरत्त मरीजों और उनके परिजनों ने बताया की तक़रीबन डेढ़ घंटे तक मरीज ऑक्सीजन के बगैर मौत से जूझते रहे और जब तक इस व्यवस्था पर प्रबंधन का ध्यान जाता और इस लीकेज को दुरुस्त किया जाता तीन मरीजों की मौत हो चुकी थी। मृतकों में मंजू देवी ,शोभा देवी और फागु उरांव का नाम शुमार है। 

    मोक्स रेगुलेटर में लीकेज था

    इस सम्बन्ध में कोविड इंचार्ज डॉक्टर पंकज सिन्हा ने बताया कि मरीजों के वार्ड में सिलेंडर से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है। सिलेंडर को जोड़ने और गैस के दबाव को नियंत्रित करने के लिए मोक्स रेगुलेटर का उपयोग किया जाता है। इसी मोक्स रेगुलेटर में लीकेज था जब ऑक्सीजन का दबाव इसमें पड़ा तो रेगुलेटर फट गया, जिससे ऑक्सीजन की आपूर्ति 40 प्रतिशत तक कम हो गई। रेगुलेटर फटने की घटना की जानकारी अस्पताल प्रबन्धन को तक़रीबन एक घंटे तक नहीं हुई और जब तक प्रबंधन सचेत होता तीन मरीजों की जान जा चुकी थी। मरीजों के परिजनों का कहना था कि मेनिफोल्ड रूम में जम्बो सिलेंडर उपलब्ध था पर उसे लगाने वाला कोई अस्पताल कर्मी उपस्थित नहीं था।

    जांच के आदेश

    राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को इस घटना की जानकारी मिलने पर उन्होंने इसे बहुत गंभीर घटना बताते हुए इसकी जाँच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों को किसी भी हाल पर बख्शा नहीं जाएगा।