ओमप्रकाश मिश्र
रांची. राज्य भर में आयोजित धार्मिक और सामाजिक कार्यकर्मो पर अनिवार्य रूप से कुछ दिनों के लिए पाबंदी (Restriction) लगाना ही पड़ेगा, तभी हम सब कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की चेन को तोड़ पाने में कामयाब हो पाएंगे। अगर सख्ती नहीं बरती गई तो इसके सकारात्मक परिणाम नहीं मिलेंगे। वर्तमान लॉकडाउन (Lockdown) का असर सरकार तक पहुंचने लगा है और अब सख्ती बरतकर हम बेहतर स्थिति में पहुंच सकते हैं। शादी समारोहों और ऐसे अन्य सामाजिक कार्यों की तिथियों को आगे बढ़ा कर भी हम स्थिति को नियंत्रित कर सकते है। मौत उगल रही कोरोना के वेग को नियंत्रित करने के लिए अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के वित्त मंत्री डा. रामेश्वर उरांव (Dr Rameshwar Oraon) ने उपरोक्त बातें कही। इस सदंर्भ में उन्होंने स्पष्ट कहा कि व्यक्तिगत तौर पर वे सख्ती बढ़ाने के पक्ष में है। राज्य में संक्रमण की रफ्तार में कुछ कमी आने से उत्साहित सरकार आनेवाले दिनों में सख्ती और भी बढ़ाने के पक्ष में दिख रही है। शादी और तमाम सामाजिक कार्यक्रमों की छूट को समाप्त भी किया जा सकता है। सरकार के कई मंत्री भी सख्ती बढ़ाने के पक्ष में दिख रहे हैं।
डा. रामेश्वर उरांव ने कोरोना संक्रमण का चेन तोड़ने को लेकर सामाजिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन को कुछ दिनों के लिए स्थगित करने की सलाह दी है। डॉक्टर उरांव रांची स्थित पार्टी कार्यालय में प्रदेश स्तरीय राहत एवं निगरानी समिति के कंट्रोल रूम में संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव, डा. पी नैयर, अमरेंद्र सिंह, आदित्य विक्रम जयसवाल के साथ कई कार्यकर्त्ता मौजूद थे। उच्चतम न्यायालय द्वारा लॉकडाउन को लेकर दिए गए सुझाव पर पूछे गए सवाल के जवाब में डॉक्टर उरांव ने कहा कि यह केंद्र और राज्य सरकारों पर निर्भर है, अदालत की ओर से लॉकडाउन लागू करने को लेकर स्पष्ट कोई आदेश नहीं दिया गया है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कोरोना संक्रमण पर अंकुश को लेकर लड़ाई लड़ रही है।
संक्रमण के मामलों में कमी आने के संकेत मिले
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में झारखंड में संक्रमण के मामलों में कमी आने के संकेत मिले है, लेकिन इसके बावजूद वे इस बात के पक्षधर है कि और अधिक प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सिर्फ 50 लोगों की उपस्थिति में शादी-विवाह की अनुमति दी गयी है, लेकिन इसके बावजूद भीड़ देखने को मिल रही है। डा. उरांव ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कई सख्त कदम और देश भर की आर्थिक परिस्थितियों के कारण आय के स्त्रोत में कमी आई है, वहीं भारत सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए झारखंड को जो सहायता राशि उपलब्ध करायी गयी है, वह काफी कम है। डॉक्टर उरांव ने कोरोना की इस विकट परिस्थिति में लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने में आम लोगों की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है पर इसमें जनता जागरूक नहीं हों और उनका सहयोग नहीं मिले तो कोरोना की भयावहता को रोक पाना मुश्किल होगा। उन्होंने आम लोगो से अपील की है कि कुछ दिनों तक धैर्य बनाये रखें और कोरोना संकरण रोकने में सरकार को सहयोग करें।