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    देहरादून. उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले (Chamoli District) में तपोवन परियोजना (Tapovan Tunnel Project) की सुरंग (Tunnel) के अंदर भारी गाद और कीचड़ होने के चलते वहां फंसे 30-35 लोगों को बचाने की मुहिम की गति बीते मंगलवार को कुछ धीमी हो गई थी। बता दें कि अभी तक आपदा में लापता 32 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। वहीं, 197 अन्य अभी भी लापता बताये जा रहे हैं। 

    गौरतलब है कि उत्तराखंड में आई तबाही का आज चौथा दिन शुरू हो चूका है।  लेकिन वहाँ अब भी जिंदगी और मौत की लडाई जारी है।  चमोली में हुए इस भयानक हादसे में हुए नुकसान के बाद अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।  NTPC की क्षतिग्रस्त तपोवन प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना, NDRF, ITBP, SDRF और अब तो मरीन कमांडो का दस्ता भी वहां पहुंच चुका है।  अबतक 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 197 लोग अब भी लापता हैं।  इस पारकर इस हादसे के बाद 600 से अधिक सैन्य जवान बचाव कार्य में लगे हुए हैं। 

    बता दें कि एनटीपीसी के 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की इस घुमावदार सुरंग में बचाव कार्य उस समय धीमा पड़ गया, जब अंदर से भारी मात्रा में गाद निकलने लगी और आगे जाना मुश्किल हो गया है।बचाव अभियान में लगे अधिकारियों का कहना है कि सुरंग का डिजाइन जटिल है, जिसे समझने के लिए NTPC के अधिकारियों से भी संपर्क साधा गया है। वहीं, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बीते दिन कहा था कि सुरंग में फंसे लोगों का जीवन बचाने के लिए हर मुमकिन प्रयास करेंगे। एक अन्य अधिकारी ने बताया था कि एक विशेष कैमरे से सुरंग में फंसे लोगों का पता लगाने का प्रयास भी किया जाएगा।

    वहीं ख़बरों के अनुसार NTPC के तपोवन-विष्णुगढ़ प्रोजेक्ट की 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग में अब भी 25-35 लोग फंसे हुए हैं।  इन लोगों को सुरंग से बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य अभी भी युद्धस्तर पर जारी है।  सुरंग में अब जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है।  वहीं अधिकारियों को उम्मीद है कि लोगों को सुरक्षित सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा।  हालांकि सुरंग में फंसे लोगों से अब तक कोई संपर्क साधा नहीं जा सका है।  

    इधर चमोली में आई आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित रैणी और लाता गांव में CM त्रिवेंद्र रावत ने दौरा किया और हालातों का जायजा लिया है।  लापता लोगों के परिजनों से भी CM रावत ने मुलाकात की है।  फिलहाल इन इलाकों में राहत सामग्री, खाने का सामान और स्वास्थ सेवा पहुंचाने का काम जोरों से जारी है।  वहीं खबर लिखे जाने तक रैणी और तपोवन टनल में आज सुबह फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू भी हो गया है।  वहीं सेना के आला अधिकारियों को यह उम्मीद भी है कि लोगों को सुरक्षित सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा।