CM की रेस में अनिल बलूनी और धन सिंह रावत सबसे आगे, आइए जानते हैं इनके बारे में

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    देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) में शुरू राजनीतिक उठापठक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) के इस्तीफे के साथ समाप्त हो गई है। मंगलवार को रावत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य (Governor Banurani Maurya) को अपना इस्तीफा सौंपा। उनके इस्तीफा देने के बाद अब नए मुख्यमंत्री की खोज शुरू हो गई है। इसी को लेकर बुधवार को भाजपा (BJP) विधायक दल की बैठक होगी। जिसमें नए मुख्यमंत्री का चयन होगा। मुख्यमंत्री की रेस में दो नाम सबसे ज्यादा आगे चल रहे हैं, जिनमें अनिल बलूनी (Anil Baluni) और धन सिंह रावत (Dhan Singh Rawat) के नाम शामिल हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में और अधिक।

    जेपी नड्डा की पहली पसंद धन सिंह रावत 

    मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे धन सिंह रावत का नाम चल रहा है। दो अक्टूबर 1972 को श्रीनगर गढ़वाल में जन्मे धन सिंह मौजूदा समय में वह राज्य सरकार में शिक्षा मंत्री हैं। श्रीनगर गढ़वाल से विधायक धनसिंह आरएसएस कैडर के हैं और वह उत्तराखडं भाजपा के सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने डबल एमए और राजनीति व‍िज्ञान में पीएचडी की है। मुख्यमंत्री पद के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पहली पसंद धन सिंह रावत ही हैं। 

    रेस में सबसे आगे बलूनी 

    अनिल बलूनी का नाम भी मुख्यमंत्री की रेस में चल रहा है। वह मौजूदा समय में उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद हैं। साथ ही वह भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी भी हैं। 2 सितंबर 1972 को नकोट गांव में जन्मे अनिल बलूनी अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। 

    उन्होंने 26 साल की उम्र में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। 2002 में कोटद्धार से उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा लेकिन, आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया। अपना नामांकन रद्द होने के बाद वह सुप्रीमकोर्ट चले गए। जहां उन्हें बड़ी जीत मिली और 2004 में इसी सीट पर उपचुनाव लड़ा। लेकिन वह चुनाव हार गए थे। 

    यह तीन नाम भी है दौड़ में 

    मुख्यमंत्री की दौड़ में अनिल बलूनी और धन सिंह रावत के साथ तीन और नामो की चर्चा शुरू है। जिसमें केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मंत्री सतपाल महाराज और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी शामिल हैं। इसी के साथ सांसद अजय भट्ट का नाम भी चल रहा है जिन्हे मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इसी के साथ पार्टी मुकाऊ इलाके से एक उपमुख्यमंत्री भी बना सकती है। 

    ब्राह्मण बन सकता है मुख्यमंत्री 

    मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार भाजपा किसी ब्राह्मण चेहरा वाले नेता को अगला मुख्यमंत्री बना सकती है। दरअसल, भाजपा इससे एक तीर से दो निशाने साध सकती है। पहला अगले साल होने वाले चुनाव में राज्य की 25 प्रतिशत जनसंख्या वाले ब्राह्मण वोट बैंक को बजबूत किया जा सके। इसी के साथ उनमें उठने वाले असंतोष को खत्म किया जा सके। पार्टी अगर ये निर्णय लेती है तो उत्तराखंड के साथ साथ उत्तर प्रदेश में भी इसका सीधा लाभ होगा।