भुवनेश्वर. ओडिशा सरकार ने पांच जिलों को वामपंथी अतिवाद से प्रभावित सुरक्षा संबंधित व्यय (एसआरई) योजना से हटाने को मंजूरी दे दी है। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभय ने बताया कि जिन जिलों को एसआरई से हटाया जाएगा वे अंगुल, बौध, संबलपुर, देवगढ़ और नयागढ़ हैं। डीजीपी ने कहा, ‘‘यह इन जिलों में सुरक्षा स्थिति में आए सुधार को प्रदर्शित करता है। ओडिशा पुलिस पूरे राज्य को वामपंथी अतिवाद से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है।” ओडिशा तीन से अधिक दशकों से नक्सल गतिविधियों का दंश झेल रहा है।
सूत्रों ने बताया कि ओडिशा के 30 में से 19 जिलों को एसआरई जिले घोषित किया गया है। आईजीपी (ऑपेरशन) अमिताभ ठाकुर ने कहा, ‘‘मजबूत सुरक्षा प्रतिक्रिया के साथ ही विकास केंद्रित गतिविधियों से राज्य में खासतौर से पिछले कुछ वर्षों में हालात बदले हैं।” अप्रैल 2018 में छह जिलों जाजपुर, ढेंकनाल, क्योंझर, मयूरभंज, गजपति और गंजम को माओवादी गतिविधियों से मुक्त घोषित किया गया और इन जिलों को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित सुरक्षा संबंधित व्यय (एसआरई) योजना से हटा दिया गया। एसआरई केंद्र सरकार की योजना है जिसके तहत देशभर के माओवादी प्रभावित जिलों में विकास कार्य किए जाते हैं। डीजीपी ने बताया कि दो साल में ओडिशा के अभी तक कुल 11 जिलों को माओवादी गतिविधियों से मुक्त घोषित किया गया है।