असमिया साहित्यकार पद्मश्री लक्ष्मीनंदन बोरा का निधन

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    गुवाहाटी. असम के जानेमाने साहित्यकार लक्ष्मीनंदन बोरा (Lakshmi Nandan Bora Passed Away) का कोविड के बाद उत्पन्न स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के चलते गुवाहाटी के एक निजी अस्पताल में बृहस्पतिवार को निधन हो गया। चिकित्सकों ने यह जानकारी दी। बोरा 89 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है। पद्मश्री से सम्मानित बोरा के संक्रमित होने की पुष्टि 20 मई को हुई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

    वह कोविड-19 (Covid-19) से उबर गए थे, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं से पीड़ित थे तथा उनका उपचार चल रहा था। उन्होंने 60 से अधिक किताबें लिखी जिनमें अधिकांश उपन्यास और लघु कहानियों के संकलन हैं। उनका पहला उपन्यास ‘गंगा सिलोनिर पाखी’ (Gonga Chilonir Pakhi) का 11 भाषाओं में अनुवाद हुआ तथा 1976 में इस पर फिल्म भी बनी। साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता बोरा असम साहित्य सभा के अध्यक्ष रह चुके थे। उन्हें सरस्वती सम्मान और असम वैली लिटरेरी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बोरा के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि साहित्यकार की अंत्येष्टि पूरे राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी।(एजेंसी)