ओमप्रकाश मिश्र
रांची. चर्चित चारा घोटाले (Fodder Scam) से जुड़े रांची (Ranchi) स्थित डोरंडा कोषागार (Doranda Treasury) से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी (Illegal Withdrawal) मामले में शनिवार को सीबीआई की बहस पूरी हो गई। अब 9 अगस्त से बचाव पक्ष की बहस शुरू होगी। इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और डॉक्टर आर.के राणा सहित 110 आरोपी है। बचाव पक्ष की दलीलों के बाद बहस पूरी होते ही इस मामले में फैसला आ जाएगा।
सीबीआई के स्पेशल जज एस.के. शशि की अदालत में इस मामले की लगातार सुनवाई हो रही है। यह मामला 11 मार्च 1996 को दर्ज किया गया था। इस मामले में सीबीआई ने पहली चार्जशीट 8 मई 2021 को दर्ज की थी, वहीं 7 जून 2003 को पूरक चार्जशीट दायर की गयी थी। मामले के सात आरोपी सरकारी गवाह बनाए गए थे, जबकि दो अपराधियों ने जुर्म कबूल कर लिया था।इस मामले में पांच आरोपी अभी भी फरार हैं। सीबीआई की ओर से बहस करते हुए विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने अदालत को बताया कि मामले से जुड़े राजनीतिक आरोपियों ने भी जानबूझकर अवैध निकासी होने दी।
घोटाले की रकम से राजनेताओं को सुविधा मुहैया कराई जाती थी, ताकि घोटाले को बचाया जा सके। सीबीआई की दलीलों को सुनने के बाद अब अदालत ने बचाव पक्ष को बहस करने का मौका दिया है। गौरतलब है कि चारा घोटाला के कई मामलों में अदालत लालूप्रसाद यादव को जमानत दे चुकी है रांची स्थित डोरंडा कोषागार से हुए अवैध निकासी मामले में सीबीआई को उम्मीद है कि चारा घिताले में लिप्त लोगों के खिलाफ अदालत में दोष साबित कर सके, पर अब बचाव पक्ष के साक्ष्यों और दलीलों से ही यह स्पष्ट हो पायेगा की इस मामले में कौन कौन गुनाहगार है और कौन बेकसूर।