Case registered against senior BJP leader and former Karnatak CM BS Yediyurappa under POCSO law
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा

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    बेंगलुरू. दसवीं कक्षा की परीक्षा कराने के स्वास्थ्य तथा शिक्षा विभाग के फैसले पर एकमत ना होने की खबरों के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदयुरप्पा (BS Yediyurappa) ने कहा कि चर्चा के बाद यह फैसला किया गया था और यह एकतरफा नहीं था। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने सोमवार को घोषणा की थी कि कोविड-19 की तीसरी लहर आने के खतरे के बीच एसएसएलसी बोर्ड (SSLC Exams) की परीक्षाएं राज्य में 19 और 22 जुलाई को आयोजित की जाएंगी।

    येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, ‘‘ शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार (Suresh Kumar) ने मेरे साथ चर्चा करने के बाद एसएसएलसी की परीक्षाएं की तारीख तय करने का फैसला किया। गहन चर्चा के बाद यह फैसला छात्रों के हित में लिया गया है और यह एकतरफा नहीं था। इस संबंध में भ्रम पैदा करना अनावश्यक है।” मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने भी कहा कि शिक्षा मंत्री ने फैसला लेने से पहले विशेषज्ञों के साथ चर्चा की थी और येदियुरप्पा को भी इसके बार में बताया था। जबकि सुधाकर ने कल शाम कहा था कि उन्हें परीक्षाएं कराने के फैसले के बाारे में कोई जानकारी नहीं थी।

    उन्होंने कहा, ‘‘ कुमार ने मुझे कल शाम बताया था कि उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की थी, मैं दूसरी बैठक में था इसलिए मुझे इसकी जानकारी नहीं थी…उन्होंने शाम को मुझे इस संबंध में जानकारी दी। मुझे लगता है कि तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) के साथ भी इस संबंध में चर्चा की गई थी।” गौरतलब है कि सोमवार को परीक्षाओं की समय-सारिणी की घोषणा करने के बाद सुधाकर ने कहा था कि उनके विभाग को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी, जिससे एसएसएलसी परीक्षा आयोजित करने के संबंध में सरकार के भीतर समन्वय की कमी की खबरें आने लगी थीं। (एजेंसी)