Tamil Nadu, father son death

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सलेम/तूतीकोरिन (तमिलनाडु). तमिलनाडु की सरकार ने तूतीकोरिन जिले में पिता-पुत्र की मौत के मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का निर्णय किया है। दोनों की मौत कथित तौर पर पुलिस उत्पीड़न के कारण हुई थी। यह बात रविवार को मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कही।

तूतीकोरिन पुलिस ने कहा कि सथानकुलम पुलिस थाना जहां कथित तौर पर दोनों की बुरी तरह पिटाई की गई थी वहां के इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है और उसकी जगह नया अधिकारी आ चुका है। विपक्षी दल द्रमुक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जनता, सियासी दलों तथा मीडिया के दबाव की वजह से सीबीआई जांच का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार के निर्णय से मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित कर दिया जाएगा और केंद्रीय एजेंसी को जांच स्थानांतरित करने से पहले उच्च न्यायालय से अनुमति ली जाएगी।

पलानीस्वामी ने कहा, ‘‘सरकार ने निर्णय किया है कि सीबीआई मामले की जांच करेगी।” मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा के बारे में पूछने पर पीड़ितों के परिजनों ने कहा कि मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ में होने वाली अगली सुनवाई का वे इंतजार करेंगे। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि अगर सरकार का इस मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाने का इरादा था तो इस घटना में कथित तौर शामिल लोग अब भी आजाद नहीं घूम रहे होते।

पी जयराज और उनके बेटे फेनिक्स को अपनी मोबाइल फोन की दुकान समय सीमा के बाद खोलकर लॉकडाउन के नियमों का ‘उल्लंघन’ करने के आरोप में 23 जून को गिरफ्तार किया गया था। उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाए कि पुलिसकर्मियों ने सातनकुलम थाने में उनकी बुरी तरह की पिटाई की।

इस घटना की राष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया हुई जिसके बाद दो उपनिरीक्षकों, एक निरीक्षक सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। इस बीच चेन्नई पुलिस आयुक्त ए के विश्वनाथन ने कहा कि किसी आरोपी या गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के संदर्भ में पुलिस के लिए जो दिशा-निर्देश हैं उनमें व्यक्ति के खिलाफ खराब भाषा तक का इस्तेमाल नहीं करने की बात है, पिटाई करना तो ‘‘गैरकानूनी” है। (एजेंसी)