Minister KT Jaleel

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कोच्चि/तिरुवनंतपुरम. सोने की तस्करी मामले में आतंकवाद के पहलू की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बृहस्पतिवार को केरल के उच्च शिक्षा मंत्री के. टी. जलील से लगभग आठ घंटे तक पूछताछ की। इस पर विपक्ष ने मांग की कि जलील को इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि मंत्री को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है।

जलील सुबह करीब छह बजे एक निजी कार में एनआईए के कोच्चि स्थित कार्यालय पहुंचे। एक सप्ताह पहले उनसे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजनयिक माध्यमों से संयुक्त अरब अमीरात से पवित्र कुरान की खेप प्राप्त करने के मामले में विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन को लेकर पूछताछ की थी। मंत्री शाम लगभग पांच बजे एनआईए कार्यालय से रवाना हुए। मीडिया में आई खबरों के अनुसार एनआईए ने जलील से सुबह नौ बजे पूछताछ शुरू की।

कांग्रेस और भाजपा समेत विपक्षी पार्टियों ने पूरे राज्य में प्रदर्शन किया और पिनरायी विजयन के नेतृत्व वाली सरकार से इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई में कांग्रेस, भाजपा और मुस्लिम लीग के कई कार्यकर्ता घायल हो गये। पलक्कड़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए विधायक वी टी बालाराम ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई बिना किसी उकसावे के हुई और उन्होंने जांच की मांग की।

पुलिस के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पलक्कड़ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में उनके 12 कर्मी घायल हो गये।” एनआईए कार्यालय परिसर पर भी कांग्रेस और भाजपा की युवा इकाइयों के कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग विरोध प्रदर्शन किये। मंत्री ने इससे पहले यह स्वीकार किया था कि पवित्र कुरान की खेप उन्होंने तिरुवनंतपुरम स्थित संयुक्त अरब अमीरात के दूतावास से प्राप्त की, जिसके बारे में सीमा शुल्क विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि ‘प्राथमिक तौर पर यह एफसीआरए’ के उल्लंघन का मामला है। ईडी द्वारा मंत्री से पूछताछ की खबरें आने के बाद उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था, ”सच की जीत होगी। सिर्फ सच। चाहे भले ही पूरी दुनिया इसका विरोध करे, इसके अलावा कुछ नहीं होगा।”

केरल में सोना तस्करी मामले में एनआईए की टीम के समक्ष उच्च शिक्षा मंत्री के टी जलील के पेश होने के बाद विपक्षी कांग्रेस और भाजपा ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की । केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने कहा कि सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए और चुनाव का सामना करना चाहिए । जवाब में कानून मंत्री ए के बालन ने कहा कि “जानकारी लेना” जांच प्रक्रिया का हिस्सा है और किसी को भी इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है।

अलप्पुझा जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र हरीपाड में संवाददाता सम्मेलन में चेन्नीथला ने कहा, “राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) किसी अपराध के लिए किसी से पूछताछ करती है। कम से कम अब मुख्यमंत्री को जलील से इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री इस्तीफा मांगने से इसलिए इनकार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि जांच की जद में उनका कार्यालय भी आ जाएगा। सरकार को इन परिस्थितियों में इस्तीफा दे देना चाहिए और चुनाव का सामना करना चाहिए।” भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि जलील गंभीर किस्म के आरोपों का सामना कर रहे हैं, उन्हें त्यागपत्र देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को इस्तीफा देना चाहिए। (एजेंसी)