कूचबिहार: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनगड़ (Jagdeep Dhankar) गुरुवार को कूचबिहार के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा (Post-Poll Violence) से प्रभावित पीड़ितों से मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा, “यह कानून के शासन का कुल पतन है। मैं यह कभी सोच भी नहीं सकता था। मैंने लोगों की निगाह में पुलिस का डर देखा है, वे पुलिस के पास जाने से डरते हैं, उनके घरों को लूट लिया गया। मैं वास्तव में हैरान हूं, यह लोकतंत्र का विनाश है।”
राज्यपाल धनगड ने कहा, “लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और जंगलों में रह रहे हैं। महिलाएं मुझे बताती हैं, कि वे (गुंडे) एक बार फिर वहां आएंगे और राज्यपाल के सामने सुरक्षा की ऐसी विफलता है। मैं इस पर हैरान हूं। मैं कल्पना कर सकता हूं कि यहां के लोगों को क्या करना चाहिए।”
This is total collapse of rule of law. I could have never imagined this. I have seen the fear of Police in the eyes of the people, they are scared to go to Police, their houses were looted. I’m really shocked, this is destruction of democracy: Governor Jagdeep Dhankhar pic.twitter.com/SaiiNzZHOE
— ANI (@ANI) May 13, 2021
दिखाए गए काले झंडे
राज्यपाल ने जिस दिन से अपने दौरे का ऐलान किया है, उसपर राजनीती शुरू है। राज्यपाल के इस दौरे के दौरान कई जगहों पर लोगों ने उन्हें काले झंडे और उनके खिलाफ नारे लगाए। ऐसा ही एक वाकया हुआ जब राज्यपाल का काफिला जारहा था, तभी वहां लोगों के समूह ने उनके खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया। नारा लगते हुए लोगों को देख राज्यपाल वही रुक गए और गाडी से उतर कर उनसे बात करने लगे।
राज्यपाल और ममता के बीच लेटर वॉर
इस दौरे के ऐलान के बाद से राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिर आमने सामने आगए। दोनों के बीच लेटर वॉर शुरू हो गया था। राज्यपाल के इस कदम को असंवैधानिक बताते हुए मुख्यमंत्री ने लिखे अपने पत्र में कहा, “आप का यह कदम सालों से तय प्रोटोकॉल का उल्लंघन है।” मुख्यमंत्री के इस पत्र का जवाब देते हुए राज्यपाल धनगड ने उन्हें संविधान के अनुसार काम करने का अनुरोध किया है।”
ज्ञात हो कि, दो मई को आए चुनाव परिणाम में टीएमसी की जीत के बाद से उत्तर और दक्षिण बंगाल के कईलाको में खूब हिंसा और आगजनी हुई। सैकड़ो लोगों के घर और दुनको को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान कई महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार बी किया गया। इस हिंसा में 12 से ज्यादा लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे।