अहमदाबाद. गुजरात में हुए महानगर पालिका के चुनाव में फिर एक बार भाजपा ने बाजी मारी है। भाजपा ने 6 महानगर पालिकाओं पर कब्ज़ा कर लिया है। जिसमें अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, जामनगर और भावनगर शामिल है। भाजपा ने इस चुनावों में कुल 489 यानी 85% सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि कांग्रेस ने 46 यानी सिर्फ 8% प्रतिशत सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं अहमदाबाद और सूरत में चौंकादेने वाले नतीजे आये है। पहली बार गुजरात स्थानीय निकाय चुनाव लड़नेवाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने यहां सात सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं सूरत में आप ने कांग्रेस को पूरी तरह से डूबा ही दिया। आप ने यहां कुल 27 सीटें जीती है।
अहमदाबाद महानगर पालिका |
कुल 192 सीटें |
भाजपा |
159 |
कांग्रेस |
25 |
AIMIM |
7 |
निर्दलीय |
1 |
सूरत महानगर पालिका |
कुल 120 सीटें |
भाजपा |
93 |
आम आदमी पार्टी |
27 |
सूरत महानगर पालिका |
कुल 76 सीटें |
भाजपा |
69 |
कांग्रेस |
7 |
राजकोट महानगर पालिका |
कुल 72 सीटें |
भाजपा |
68 |
कांग्रेस |
4 |
जामनगर महानगर पालिका |
कुल 64 सीटें |
भाजपा |
50 |
कांग्रेस |
11 |
निर्दलीय |
3 |
भावनगर महानगर पालिका |
कुल 52 सीटें |
भाजपा |
44 |
कांग्रेस |
8 |
- कांग्रेस को सूरत में बड़ा झटका लगा है। 120 सीट वाली सूरत महानगर पालिका भजपा ने 93 सीटों पर कब्ज़ा कर लिया है। वहीं आम आदमी पार्टी 27 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि कांग्रेस यहां अपना खाता तक नहीं खोल पाई। कांग्रेस यहां पाटीदार वोट बैंक को साधने के लिए हार्दिक पटेल को प्रदेश कांग्रेस का कार्यकारी प्रमुख बनाया था। लेकिन हार्दिक के कांग्रेस ज्वाइन करते ही पाटीदारों में फूट पड़ गई। कांग्रेस ने जिन पाटीदारों नेताओं को टिकट नहीं दिया, उन्होंने आम आदमी पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस की नैया डूबा दी।
- पिछले चुनाव में भाजपा ने सूरत महानगर पालिका की 80 और कांग्रेस ने 36 सीटें जीती थीं। कांग्रेस की ऐसी हालत 1995 में भी हुई थी। उस चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। इतना ही नहीं 50 कांग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। उस सयम कांग्रेस की हार का कारण 1992 में हुए बाबरी विध्वंस को माना गया था। करीब 26 साल बाद कांग्रेस की ऐसी हालत हुई है।
लंबे समय से भाजपा की सत्ता
शहर |
कुल वार्ड |
कब से सत्ता में |
अहमदाबाद |
48 |
2008 |
वडोदरा |
19 |
2005 |
सूरत |
30 |
1990 |
राजकोट |
18 |
2005 |
भावनगर |
13 |
1995 |
जामनगर |
16 |
1995 |
2276 उम्मीदवार थे चुनावी मैदान में
भाजपा और कांग्रेस ने इस चुनाव में काफी जोर लगाया। इस चुनाव में कई बड़े नेताओं ने प्रचार किया। इस चुनाव में भाजपा ने सबसे ज्यादा उम्मीदवार उतारे थे।
भाजपा- 577
कांग्रेस- 566
आप- 470
राकांपा- 91
अन्य पार्टियां- 353
निर्दलीय- 228