कोलकाता: हिंदूवादी नेता तपन घोष की रविवार को 67 वर्ष की उम्र में कोरोना वायरस से मृत्यु हो गई है. पिछले हफ्ते ही वह कोरोना से पॉजिटिव पाए गए थे. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उनकी मौत हो गई. वह संगठन हिन्दू समहति के संस्थापक थे.
आरएसएस के पूर्व नेता, घोष कोरोना वायरस के कारण मरने वाले राज्य के दूसरे राजनेता हैं. पिछले महीने, तृणमूल कांग्रेस के विधायक की मौत इस वायरस से हुई थी.
घोष के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, वरिष्ठ भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता ने कहा कि ‘वह पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की एकता के लिए लड़ने वाले सबसे समर्पित व्यक्तियों में से एक थे.’ उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘व्यक्तिगत उदाहरण के माध्यम से हजारों लोगों को प्रेरणा देते हुए, इस कारण से अपना जीवन दिया. उन्हें हमेशा याद किया जाएगा और निरंतर प्रेरणा प्रदान की जाएगी.’
Tapan Ghosh died this evening. He was one of the most dedicated soldiers fighting for Hindu unity and sangathan in West Bengal. He gave his live to this cause, inspiring thousands through personal example. He will always be remembered and provide constant inspiration. Om Shanti
— Swapan Dasgupta (@swapan55) July 12, 2020
घोष 1975 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे हैं, लेकिनकुछ वैचारिक मतभेदों के चलते2007 में संगठन से अलग हो गए. उन्हें उग्र भाषणों और अक्सर विवादास्पद टिप्पणियों के लिए जाना जाता है, उन्होंने 2008 में हिंदू समिति का गठन किया.
केवल कुछ सौ लोगों के साथ गठित, उनके नेतृत्व में संगठन पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में फैल गया, और झारखंड और असम में भी इकाइयां खोलीं. घोष ने 2018 में संगठन के भीतर कुछ मतभेदों को देखते हुए हिंदू समहति को छोड़ दिया.