कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) पश्चात हुए हिंसा को लेकर गठित केंद्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission) ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta Highcourt) को सौंपी दी है। आयोग ने हिंसा को एक सोची समझी साजिश बताते हुए कहा कि, “सत्तारूढ़ दल के समर्थकों द्वारा यह विपक्षी दल के समर्थकों से बदला लेने वाली हिंसा थी।”
उच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष रिपोर्ट करते हुए एनएचसी ने कहा, “पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनाओं का अनुपात-अस्थायी विस्तार पीड़ितों की दुर्दशा के प्रति राज्य सरकार की भयावह उदासीनता को दर्शाता है।”
लोगों का आर्थिक गला घोटा गया
रिपोर्ट में आगे कहा है कि, “यह मुख्य विपक्षी दल के समर्थकों के खिलाफ सत्तारूढ़ दल के समर्थकों द्वारा प्रतिशोधात्मक हिंसा थी। इसके परिणामस्वरूप हजारों लोगों का जीवन और आजीविका बाधित हुई और उनका आर्थिक गला घोंट दिया गया।”
"This was retributive violence by supporters of the ruling party against supporters of the main opposition party. It resulted in disruption of life & livelihood of thousands of people & their economic strangulation," NHRC says in its report on the alleged post-poll violence in WB
— ANI (@ANI) July 15, 2021
बंगाल के बाहर हो सुनवाई
अदालत को 13 जून को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति ने सिफारिश की है कि हत्या, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों को जांच के लिए सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए और इन मामलों में मुकदमा राज्य से बाहर चलना चाहिए।”
बंगाल को बदनाम करने की साजिश
चुनाव के बाद की हिंसा पर NHRC की रिपोर्ट पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “अदालत में (एनएचआरसी) रिपोर्ट जमा करने के बजाय, उन्होंने इसे लीक कर दिया है। उन्हें कोर्ट का सम्मान करना चाहिए। यदि यह राजनीतिक प्रतिशोध नहीं है, तो वे रिपोर्ट कैसे लीक कर सकते हैं? वे बंगाल के लोगों को बदनाम कर रहे हैं।”
Instead of submitting (NHRC) report in the court, they've leaked it. They should respect the court. If it is not a political vendetta, how can they leak the report? They are maligning people of Bengal: West Bengal CM Mamata Banerjee on NHRC report on alleged post-poll violence pic.twitter.com/S7QWJAIqxJ
— ANI (@ANI) July 15, 2021
ज्ञात हो कि, जिस दिन बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए, उसी दिन से वहां हिंसा शुरू हो गई थी। राज्य के पूर्बी मेदिनीपुर, उत्तर बंगाल के कूचबिहार, मालदा, बीरभूम जिले में खूब हिंसा हुई थी। इस दौरान सैकड़ो भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया, उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। इसी के कई जिलों के भाजपा कार्यालय में भी आग लगा दी गई थी। इस हिंसा में करीब 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसी के साथ लाखों लोग विस्थापित भी हुए।