In Jharkhand, KCC loan given to farmers by CM, foundation stone of 51 schemes and 44 schemes inaugurated

    Loading

    ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. झारखंड (Jharkhand) के विकास (Development) हेतु चलाये जा रहे राज्य स्तरीय कई योजनाओं (State Level Schemes) के काम अपने निर्धारित समय पर पुरे किये जा रहे है। इन्हीं  योजना के तहत झारखंड के चाईबासा स्थित पिल्लई सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री (Chief Minister) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने आज 11098 लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया, 3351 किसानों को किसान क्रेडिट सर्टिफिकेट (Kisan Credit Certificate) (केसीसी) ऋण दिए गए 51 योजनाओं का शिलान्यास किया गया और 44 नई योजनाओं का उद्घाटन किया गया।      

    इस अवसर पर हेमंत सोरेन ने कहा कि हमें सामाजिक सांस्कृतिक व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर विकास की यात्रा को तय करना है। झारखंड के उद्योग का लाभ राज्यवासियों को भी मिले, इसका भी प्रयास किया जाना चाहिए।क्षेत्र में लगने वाले उद्योग के लिए उद्धयोगपति वहां के ग्रामीणों का ध्यान रखेंगे तो ग्रामीण भी उनके सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। 

    आज के कार्यक्रम में एसीसी सीमेंट कंपनी के द्वारा स्थानीय लोगों को नियुक्ति पत्र दिए जाने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए सोरेन ने उसे सुखद क्षण बताया।  ज्ञात हो कि इससे पूर्व वर्ष 2013 में भी यहाँ के ग्रामीणों को रोजगार हेतु नियुक्ति पत्र वितरित किया गया था। सोरेन ने कहा कि इस क्षेत्र में बड़े उद्योग आ रहें हैं। स्टील उद्योग स्थापित होने की प्रक्रिया में है। इससे भी क्षेत्र में रोजगार का सृजन होगा। अब सब चीजों को नया स्वरूप देने की कोशिश की जा रही है। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में रोजगार का अभाव रहा। प्रतिष्ठान बंद रहे। राज्य के श्रमिक अपने गांव लौट रहे थे। मानो गरीबों पर पहाड़ टूट पड़ा हो। इस को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने कई योजना ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की ताकि ग्रामीणों को रोजगार मिल सके। उन्होंने  पश्चिमी सिंहभूम क्षेत्र की चर्चा करते हुए कहा कि खेल योजना के तहत 724 मैदान तैयार किए जाने हैं, इनमें से अब तक  114 मैदान का कार्य पूर्ण हो चुका है। 420 मैदान का निर्माण कार्य जारी है। किसानों की ऋण माफी के तहत प. सिंहभूम के करीब 1500 लाभुकों को आच्छादित किया गया है। अन्य किसानों को इस योजना से आच्छादित करने का कार्य जारी है। किसानों के करीब 64 करोड़ रुपए तक के ऋण माफ किए गए हैं। आने वाले दिनों में सरकार किसानों की समृद्धि के लिए हर संभव प्रयास करेगी। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड खनिजों से भरा राज्य है। राज्य की कई सड़कें नेशनल हाईवे में चली गई हैं, जो भारत सरकार के अधीन हैं, इन सड़कों के निर्माण में स्वीकृति लेने में समय लगता है। जल्द से जल्द इसकी स्वीकृति कराई जाएगी। चाईबासा-हाट गम्हरिया पथ निर्माण हेतु 250 करोड़ रुपये का डीपीआर भेजा गया है। फिलहाल तीन करोड़ की लागत से उक्त सड़क को दुरुस्त किया जाएगा। चाईबासा में बाईपास सड़क निर्माण का प्रस्ताव आया हुआ है। यह भी एनएच द्वारा बनना है। भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसका निर्माण कार्य वर्ष 2021 में शुरू होने की संभावना है। हल्दिया पोर्ट तक के लिए एक्सप्रेस हाईवे के अलावा, सभी जिलों में बाईपास निर्माण का प्रस्ताव है, जिसे जल्द पूरा किया जाएगा। 

    राज्य के खिलाडियों को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा कि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्र में खिलाड़ियों की संभावना दिखती है। इसके प्रोत्साहन हेतु राज्य सरकार ने जिला खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति की। बड़े पैमाने पर खिलाड़ियों की भी नियुक्ति की गई है। टोक्यो ओलंपिक में राज्य की बेटियां जौहर दिखा रही हैं। ये आदिवासी बच्चे हैं, जिन्होंने बिना संसाधन के मुकाम पाया है। हमें इन पर गर्व होना चाहिए। 

    सोरेन ने कहा कि संक्रमण काल में हमने काफी उतार-चढ़ाव देखे। गतिविधियां जहां थी वहीं रुक गई थीं। सरकार ने आर्थिक सामाजिक क्षेत्र में कमजोर लोगों को समृद्ध करने का संकल्प लिया है। अब धीरे-धीरे महामारी से जूझते हुए आगे बढ़ रहे हैं। संक्रमण काल में अपने सीमित संसाधनों से झारखण्ड ने जो प्रबंधन किया, उसकी चर्चा रही। लेकिन हमें इस संक्रमण के प्रति हमेशा सजग रहना है। सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश का पालन करते हुए इस चुनौती का हम मिलकर सामना करेंगे।

    चाईबासा में यातायात के दृष्टिकोण से प्रमुख स्थान जेएमपी चौक स्थित रेलवे फाटक पर प्रतिदिन जाम की समस्या से जूझने वाले शहर वासियों की अब जाम से मुक्ति मिल जाएगी। बहुप्रतीक्षित मांग रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के आलोक में चाईबासा/हाता मेन रोड, एन.एच 220 पर कुल 43.12 करोड़ की लागत से 780 मीटर लंबा 11.5 मीटर चौड़ा रेलवे ओवरब्रिज पश्चिमी सिंहभूम की जनता को मुख्यमंत्री ने सुपुर्द किया। इसके अलावा सन 1939 में पिल्लई हॉल का निर्माण हुआ था। 80 वर्ष पुराने पिल्लई टाउन हॉल के पुनरुद्धार की आवश्यकता को महसूस करते हुए मुख्यमंत्री की पहल पर सीएसआर मद में जीर्णोद्धार एवं आधुनिकीकरण का कार्य करा कर चाईबासा वासियों के लिए तैयार किया गया।