Irrigation started with solar energy, farmers started earning manifold

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    ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. झारखंड मंत्रालय में आहूत मंत्रिमंडल की बैठक में सौर ऊर्जा (Solar Energy) से राज्य के किसानों को लाभ पहुंचाने संबंधित एक विशेष बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने किसानों को कृषि सम्बंधित लाभ दिलाने के लिए अक्षय ऊर्जा परियोजना को लागु करने पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास का लक्ष्य लेकर कार्य कर रही है। जिसका प्रतिफल है कि राज्य के किसान बहुफसलीय खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। योजनाओं के क्रियान्वयन के बाद उसका रिजल्ट भी सामने आने लगा है। इसमें सबसे अधिक योगदान अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का है। यह झारखंड (Jharkhand) के किसानों (Farmers) के लिए लाभदायक साबित हो रहा है। राज्य के किसानों को सिंचाई के क्षेत्र में सहयोग देने के लिए लिफ्ट सिंचाई प्रणाली उन किसानों को मदद कर रही है, जो डीजल पंप समेत अन्य पारंपरिक संसाधन तथा बोरिंग सिस्टम का खर्च नहीं उठा सकते।

    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं का समावेश किया था। एक सर्वेक्षण के अनुसार झारखंड के सिर्फ अति पिछड़ा सिमडेगा जिला को लें, तो यहां के गरीब किसानों के हित में जिले के कई हिस्सों में सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली लागू की गई है।

    किसानों का बदल रहा जीवन

    सौर आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली जिले के हजारों किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान कर रही है और इससे गरीब किसानों का जीवन बदल रहा है। पहले सिंचाई की सुविधा कम होने के कारण राज्य के किसान वर्ष में सिर्फ एक फसल ही पैदा कर पाते थे पर अब सौर-आधारित सिंचाई सुविधा की मदद से किसान एक वर्ष में कई फसलों का विकल्प चुन रहे हैं। पहले झारखण्ड के अधिकतर किसान मानसून के दौरान ही खेती करते थे और इसके बाद आजीविका की तलाश में राज्य या देश के अन्य हिस्सों में रोजगार की तलाश में पलायन कर जाते थे, लेकिन ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली की स्थापना के साथ पलायन दर भी कम हो गई है और किसान साल में कई फसलों का उत्पादन कर रहे हैं। इस परियोजना की निगरानी और क्रियान्वयन राज्य सरकार की देखरेख में एटीएमए, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी द्वारा की गई, जो नवीनतम तकनीक को अपनाने के साथ कृषि को बढ़ावा देती है। परियोजना अक्टूबर 2020 में शुरू की गई थी। सिर्फ सिमडेगा में 105 से अधिक सौर-आधारित लिफ्ट सिंचाई प्रणाली स्थापित की गई है, जिससे सिमडेगा के पांच हजार परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।