ओमप्रकाश मिश्र
रांची. कृषि विकास (Agricultural Development) को लेकर मुख्यमंत्री (Chief Minister) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की सोच को अंजाम देना के लिये राज्य के बैंक किसानों की आर्थिक स्थिति (Economic Condition) को मजबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायें। कई बैंक ऐसे हैं जो किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के तहत मिलने वाले एक लाख रूपये के लोन के लिये किसानों से जमीन की एलपीसी और अन्य दस्तावेजों की मांग कर रहे हैं, जबकि किसानों को एक लाख रूपये तक के लोन के लिये सेल्फ डिक्लेयरशन के सत्यापन के बाद दिये जाने का प्रावधान है। इसके अलावा किसानों के सत्यापन का कार्य मुखिया, मानकी मुंडा, जनसेवक आदि के स्तर पर किया जा सकेगा।
किसानों की सुलभता से ऋण उपलब्ध कराने और उन्हें क्रेडिट कार्ड देने के मद्देनजर उपरोक्त बातें राज्य के कृषि मंत्री बादल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला के उपायुक्तों के साथ हुई बैठक में कही। बादल ने राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारियों को निदेश दिया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिशा निर्देष में राज्य के कृषकों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा जारी की गई गाईडलाइन के अनुरूप ही लोन दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर सभी बैंकों में लंबित किसान क्रेडिट कार्ड का रिव्यू करें और बैंकों को निर्देशित करें कि किसानों के हितों का खयाल रखते हुए सभी को केसीसी कार्ड उपलब्ध कराया जाये। बादल ने निर्देश दिया कि राज्य के सभी किसानों को केसीसी कार्ड से अविलम्ब उपलब्ध कराएँ।
कृषि मंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश देते हुए कहा कि जो बैंक एलपीसी का बहाना बनाकर किसानों के आवेदनों को रिजेक्ट कर रहे हैं, उनकी सूची तैयार करें और जिला और प्रखंड स्तर के बैंकर्स समिति के साथ बैठक कर योग्य किसानों को उनका अधिकार दिलाएं। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि आगामी 15 दिनों में सभी वंचित किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के लिये पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर आवेदन प्राप्त किये जायें और उनका आधार से लिंक सुनिश्चित किया जाय। ऐसे में अगर किसी किसान का आवेदन रिजेक्ट होता है तो रिजेक्ट की वजह स्पष्ट होनी चाहिये।
किसानों से आवेदन प्राप्त करने के लिये कृषि मित्र, एटीएम और बीटीएम सहित जनसेवक के माध्यम से पंचायत स्तर पर तैनात किया जाये, साथ ही प्रखंड स्तर के पदाधिकारी को नोडल अफसर प्रतिनियुक्त किया जाये। उन्होंने निर्देश दिया कि केसीसी की मोनिटरिंग के लिये जिला और राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया जाये। कार्यशाला में कृषि सचिव अबू बक्कर सिद्दिकी ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि सभी किसानों का डाटा तैयार करें। साथ ही कहीं अगर आधार को लेकर समस्या आ रही है, तो उसके लिये यूआईडी के पदाधिकारी से संपर्क स्थापित किया जाये। बैठक में मुख्य रूप से पशुपालन निर्देशक शशि प्रकाश झा, मत्स्य निदेशक एच एन द्धिवेदी सहित राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।