Jharkhand: The new insignia is associated with the identity and self-respect of the state: Governor

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 रांची. झारखंड के नये प्रतीक चिन्ह का शुक्रवार को यहां लोकार्पण करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है। प्रतीक चिन्ह लोकार्पण कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘नया प्रतीक चिन्ह राज्य की पहचान और स्वाभिमान से जुड़ा है। इसमें राज्य की संस्कृति, प्राकृतिक खनिज संपदा को समाहित किया गया है, जो अद्भुत है।” मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा, ‘‘देश की आजादी में झारखण्ड के भूमि पुत्रों ने लंबा संघर्ष किया।

आजादी के बाद से नए भारत के नवनिर्माण में झारखण्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।” उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासी बहुल राज्य सदैव सामूहिकता में यकीन रखता है। राज्य का नया प्रतीक चिन्ह बदलाव का सारथी है। प्रतीक चिन्ह झारखण्ड की भावना को प्रतिबिंबित करता है।” मुख्यमंत्री ने राज्य के नये प्रतीक चिन्ह की विशेषताएं बताते हुए कहा कि इसमें अशोक स्तंभ को शामिल किया गया है जो राष्ट्र का प्रतीक चिन्ह होने के साथ राज्य की भी संप्रभुता का वाहक।

उन्होंने कहा कि चिन्ह में झारखण्ड का लोक जीवन व संस्कृति – झारखण्ड की समृद्ध एवं अद्भुत सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी परंपरा, वाद्ययंत्र, गीत और नृत्य की अमिट छाप को लोगों के जेहन में प्रतिबिम्बित करता है। चिन्ह में शामिल पलाश के फूल- राज्य का राजकीय पुष्प हैं। सोरेन ने कहा कि प्रतीक चिन्ह में हरा रंग झारखण्ड की हरियाली से आच्छादित धरा व वन संपदा की परिपूर्णता को दर्शाता है। यह खुशहाली और समृद्धि का भी प्रतीक है।