ओमप्रकाश मिश्र
रांची. झारखंड (Jharkhand) दुनियाभर के आदिवासी डिजायनरों (Tribal Designers) को एक मंच देगा। आज भारत और विश्व के कई देशों के डिजायनरों के साथ वर्चुअल मीटिंग (Virtual Meeting) करते हुए यह बात झारखंड के अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes), अनुसूचित जाति (Scheduled Caste), पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री (Backward Classes Welfare Minister) चंपाई सोरेन (Champai Soren) ने कही। उन्होंने कहा कि हम डिजायन को केवल कला न समझें, यह विकास के रथ का सारथी है। एक बेहतर डिजायन विकास को दिशा और ऊंचाई दे सकती है।
मंत्री ने सभी डिजायनरों से कहा कि वे झारखंड के जनजातीय समाज के विकास विशेष कर शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य पर्यटन, परंपरागत ज्ञान बोध, जीविका और कौशल विकास के क्षेत्र में ऐसे डिजाइन तैयार करें जिससे विकास को एक नई दिशा मिल सके। चंपाई सोरेन ने ट्राइबल फोरम के सुधीर होरो को बधाई देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ऐसा संभव हो सका है।
इस अवसर पर लंदन से दबोराह जमा, फ़िनलैंड से प्रशांत कोकले , दुबई से अनुपम पूर्ती सहित देश के पटना, भुवनेश्वर, कोलकाता, बंगलोर आदि के 35 डिजायनरों ने वर्चुअल मीटिंग में भाग लिया। नीलिमा टोपनो ने शिक्षा, अर्चना शेफाली ने शोध अन्वेषण, उषा बरला ने स्वास्थ्य, शोभारानी लकड़ा ने लाइवलीहुड पर विचार रखे। बैठक का संचालन सुधीर होरो ने किया। आज हुई इस वर्चुअल मीटिंग से और मंत्री चंपाई सोरेन के लिए गए निर्णय से दुनिया भर के आदिवासी डिजायनरों को एक मंच पर आने का मौका तो मिलेगा ही, इसके साथ साथ झारखंड राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को जीवनयापन के एक बेहतर जरिये से जुड़ने का मौका मिलेगा।
इससे सुदूर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कुशल कारीगरों को भी अपनी सृजनात्मक कलाओं को विश्वमंच पर लाने का अवसर प्राप्त होगा गौरतलब है कि झारखंड के सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के पास बेहतर हस्त शिल्प काष्ट शिल्प के अलावा अद्भुत डिजायन की कारीगर का गुण प्राप्त है जो गाँव देहात और जंगल तक ही सिमट कर रह गुए है मंत्री चंपाई सोरेन और राज्य सरकार के लिए गए इस फैसले से ये कलाएं न सिर्फ विश्वमंच पर आयेगा अपितु झारखंड के आदिवासियों समेत झारखंड राज्य को भी विकास के नए आयाम मिलेंगे।