Yeddyurappa
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बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) ने राज्य में शुद्ध पेयजल (Pure drinking water) की व्यवस्था में अनियमितता होने की बात स्वीकार करते हुए बुधवार को कहा कि इस विषय की एक संयुक्त विधायी समिति जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) के विधायकों सहित कई विधायकों की मांग के बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह घोषणा की। विधायकों ने पेयजल इकाइयां लगाने में घोटाला होने का आरोप लगाया है। इन पेयजल इकाइयों को लगाने की पहल सिद्धरमैया (Siddaramaiah) नीत पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार (Congress Government) ने की थी।

येदियुरप्पा ने कहा , ‘‘कई विधायकों ने कहा है कि इस कार्य में भ्रष्टाचार हुआ है। मैंने व्यक्तिगत रूप से कई स्थानों का दौरा किया और पाया कि उपकरण काम नहीं कर रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि उन पर चार गुना अधिक रकम खर्च की गई। एक बड़ा घोटाला प्रतीत हो रहा है। हम जांच कराएंगे और दोषियों को सजा दिलाएंगे।”

उन्होंने विधानसभा में कहा कि दो महीने में जांच की जाएगी और रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष रखी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह किसी भी सरकार के हों, लूट-खसोट में जिनका भी हाथ होगा उन्हें सजा दिलाई जाएगी। एक संयुक्त विधायी समिति को जांच कर रिपोर्ट सौंपने दीजिए। ”

राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यादगीर विधायक वी. मुदनाल द्वारा एक प्रश्न पूछे जाने के बाद येदियुरप्पा ने शुद्ध पेयजल से जुड़े मुद्दे पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए यह कहा। ग्रामीण विकास मंत्री के एस ईश्वरप्पा ने जांच के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने उस वक्त जांच की मांग की थी जब वह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान विधानपरिषद में विपक्ष के नेता थे। लेकिन जांच का आदेश नहीं दिया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद एक सर्वेक्षण कराया गया, जिसकी रिपोर्ट के मुताबिक 70 प्रतिशत इकाइयां काम कर रही हैं, चार प्रतिशत बंद हैं और 26 प्रतिशत अस्थायी रूप से काम नहीं कर रही हैं। ” उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक 18,500 इकाइयों में 1,629 इकाइयां अस्थायी रूप से काम नहीं कर रही हैं।

जनता दल (सेक्युलर) विधायक वेंकट राव नाडगौडा ने भी कहा कि ज्यादातर स्थानों पर इन इकाइयों की हालत खस्ताहाल है। हालांकि, कांग्रेस विधायक यू टी खादर ने कहा कि इकाइयों में खामियां नहीं हैं योजना के क्रियान्वयन में खामी है।