Mamata Banerjee
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    कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने बृहस्पतिवार को अपनी सरकार की कृषक बंधु योजना (Krishak Bandhu Yojna) फिर शुरू की, जिसके तहत अब किसान-लाभार्थियों (Farmers) को हर साल 10,000 रुपये मिलेंगे जो पहले की तुलना में दोगुनी है। ममता ने कहा कि खेतिहर मजदूरों और कम से कम एक कट्ठा खेत जोतने वाले बटाईदारों को अब 2,000 रुपये के स्थान पर हर साल 4,000 रुपये मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के संबंधित बोर्ड शुक्रवार को 10वीं और 12वीं कक्षाओं की परीक्षाओं के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया की घोषणा करेंगे।

    उन्होंने कहा कि मूल्यांकन के आधार पर परीक्षा परिणाम जुलाई तक घोषित किए जाएंगे। इन परीक्षाओं को कोविड -19 महामारी के कारण रद्द कर दिया गया है। ममता ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमारी (कृषक बंधु) योजना केंद्र की योजना (पीएम-किसान योजना) की तुलना में कहीं अधिक समावेशी है। छोटी जोत रखने वाले किसान केंद्रीय परियोजना में शामिल नहीं हैं। हम किसान समुदाय के हर तबके के बारे में सोचते हैं।”

    कृषक बंधु योजना 2018 में शुरू की गयी थी जिसमें किसानों को हर साल 5,000 रुपये की सहायता दी जाती थी।वहीं, पीएम-किसान योजना के तहत छोटे और सीमांत किसान परिवारों को तीन समान किस्तों में हर साल 6,000 रुपये दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बृहस्पतिवार को 9.78 लाख किसानों को कृषक बंधु योजना के तहत सहायता मुहैया कराने के लिए 290 करोड़ रुपये जारी किए। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल देश के उन कई अन्य हिस्सों की तुलना में एक अपवाद है, जहां किसानों की नियमित रूप से मौत होती है और छह महीने से अधिक समय तक किसानों को सड़क पर आंदोलन करना पड़ता है। ममता ने कहा कि उनकी सरकार ने अब तक किसानों के लिए बीमा प्रीमियम के रूप में एक बड़ी राशि खर्च की है।

    उन्होंने कहा, “किसी किसान की मृत्यु के बाद, हम परिवार को दो लाख रुपये देते हैं।” ममता ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को 70 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं और भविष्य में ऐसे 20 लाख और कार्ड दिए जाएंगे ताकि उन्हें कृषि उपकरणों की खरीद में मदद मिल सके।

    उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पश्चिम बंगाल की सरकार सभी किसानों और बटाईदारों के लिए सालाना वित्तीय सहायता को दोगुना करते हुए कृषक बंधु योजना फिर शुरू कर रही है। किसानों को अब एक एकड़ या उससे अधिक खेती लायक भूमि के लिए 5,000 रुपये के स्थान पर 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी।” उन्होंने राज्य सचिवालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पिछले महीने राज्य में आए चक्रवात से हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में केंद्र से एक भी रुपया नहीं मिला है।”

    बुधवार की रात हुयी भारी बारिश से शहर के कई हिस्सों में पानी भर जाने के बारे में ममता ने कहा, “कोलकाता में हाल के दिनों में ऐसी बारिश नहीं देखी गई, जिसमें कुछ घंटों के अंदर ही 179 मिमी बारिश दर्ज की गई।”

    उन्होंने कहा कि हुगली, हावड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर और पूर्व बर्धमान जैसे जिलों के प्रशासन को सतर्क रहने को कहा गया है क्योंकि पड़ोसी राज्य भारी बारिश के दौरान बैराज से पानी छोड़ते हैं। उन्होंने कहा, “हम गंगा के जल स्तर पर भी नजर रख रहे हैं, जो बढ़ गया है। इसलिए जलभराव वाले इलाकों से पानी निकलने में समय लग रहा है।” (एजेंसी)