Mamata Banerjee in WB
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    कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री के तौर पर लगातार तीसरी बार शपथ लेने जा रही तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को देश के विपक्षी दलों का परोक्ष रूप से आह्वान किया कि अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ साथ मिलकर लड़ाई लड़ी जा सकती है हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पहले कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के खिलाफ लड़ाई लड़नी है और इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Loksabha Election) को लेकर कोई फैसला किया जाएगा।

    राज्य विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत की पृष्टभूमि में ममता ने कहा कि इस जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बधाई देने संबंधी कोई फोन उनके पास नहीं आया, जबकि अब तक यह परंपरा रही है कि प्रधानमंत्री फोन करते हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा, “मैं सड़क पर लड़ाई लड़ने वाली योद्धा हूं। मैं लोगों का हौसला बुलंद कर सकती हूं कि ताकि हम भाजपा के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ें। अगर हम सामूहिक रूप से फैसला कर सकते हैं तो 2024 की लड़ाई हम मिलकर लड़ सकते हैं।परंतु पहले हमें कोविड संकट से लड़ना है और फिर इस बारे में फैसला करना है। अभी इसका समय नहीं है।”

    ममता के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से उनके पास रस्मी फोन कॉल नहीं आया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहली बार ऐसा देखा है कि प्रधानमंत्री ने फोन नहीं किया। ठीक है, हो सकता है कि वह व्यस्त हों। मैंने इसे भावनात्मक रूप से नहीं लिया है।” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वाम दल अपना वो वोटबैंक वापस हासिल नहीं कर पाए जो उन्होंने भाजपा के हाथों खो दिया है और इस वजह से वामपंथी दलों की स्थिति में और गिरावट आ गई।

    ममता ने कहा, ‘‘वाम दलों के साथ राजनीति मतभेद हैं, लेकिन मैं उन्हें शून्य पर पहुंचता नहीं देखना चाहती। बेहतर होता कि वे भाजपा से अपना वोट वापस हासिल कर लेते। उन्होंने भाजपा को इस कदर फायदा पहुंचाया कि आज वे शून्य हो गए। उन्हें इस बारे में सोचने की जरूरत है। दीपांकर भट्टाचार्य (भाकपा माले) इस रास्ते पर नही चले।”

    कोरोना रोधी टीकाकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से देश के हर नागरिक को मुफ्त में टीका मिलना चाहिए। ममता ने यह दावा भी किया कि उनकी ओर से मांग किए जाने के बावजूद नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी ने फिर से मतगणना का आदेश नहीं दिया क्योंकि उसे अपनी जान को खतरा था। मुख्यमंत्री ने अपने दावे को सही ठहराने के प्रयास के तहत निर्वाचन अधिकारी की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के एक अधिकारी के पास भेजे गए कथित एसएमएस को भी सार्वजनिक किया। उन्होंने यह फिर कहा कि वह नंदीग्राम के चुनाव नतीजे के खिलाफ अदालत का रुख करेंगी। इस सीट पर नजदीकी मुकाबले में भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने उन्हें पराजित कर दिया। (एजेंसी)