MUKUL ROY
File Photo: PTI

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    नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय में सोमवार को एक याचिका दायर कर अपील की गई है कि वह भाजपा के पूर्व नेता मुकुल रॉय को पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य के तौर पर अयोग्य करार देने के मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष को निर्णय लेने का निर्देश दे। 

    अधिवक्ता बिजन घोष द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले रॉय को राज्य विधानसभा की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है, जबकि दलबदल विरोधी कानून, संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत उन्हें अयोग्य करार देने की मांग करने वाली  विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की याचिका विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लंबित है।

    याचिका में कहा गया है कि अनुसूची के पैरा 6 के अनुसार अयोग्यता का प्रश्न 18 जून, 2021 को विपक्ष के नेता द्वारा अध्यक्ष के संज्ञान में लाया गया था, लेकिन अध्यक्ष ने आज तक कोई निर्णय नहीं लिया है। याचिका के अनुसार “दलबदल लोकतंत्र के खिलाफ एक गंभीर अपराध, मतदाताओं के साथ विश्वासघात और राजनीतिक नैतिकता खोने के समान है। यदि दलबदल को नहीं रोका गया तो लोकतंत्र पर से विश्वास उठने लगेगा इससे राजनीतिक स्थिरता गंभीर रूप से प्रभावित होगी।”

    भाजपा के टिकट पर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए रॉय ने 16 जुलाई को सदन की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला।(एजेंसी)