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रांची. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने आज बिहार विधानसभा (Bihar Assembly Election) चुनावों के लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व में बने महागठबंधन से अलग होने की घोषणा करते हुए आरोप लगाया कि राजद ने उनके साथ राजनीतिक मक्कारी की है लिहाजा वह अकेले ही चुनाव लड़ेगी। फिलहाल झामुमो ने झारखंड (Jharkhand) की सीमावर्ती सात विधानसभा सीटों पर अकेले के दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए कहा है कि आगे दूसरे और तीसरे चरणों के लिए कुछ अन्य सीटों पर वह अपने उम्मीदवार उतार सकती है।

झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने आज यहां मीडिया को बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राजद की राजनीतिक मक्कारी के चलते आगामी विधानसभा चुनावों में अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राजद द्वारा हमारे साथ जो राजनीतिक मक्कारी की गयी है उसके खिलाफ हम बोलने को मजबूर हैं।”

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हम बिहार चुनाव लड़ेंगे तो हमें किसी की राजनीतिक खैरात नहीं चाहिए। हम अपने संगठन के बल पर चुनाव लड़ने के लिए सक्षम हैं। इसीलिए हमने निर्णय लिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में हम ताल ठोंककर लड़ेंगे। हम कम सीटों पर लड़ेंगे लेकिन ताल ठोंक कर लड़ेंगे। हम न तो राजद के साथ और न ही जदयू के साथ मिलकर वहां चुनाव लड़ेंगे।”

उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल झामुमो ने पहले चरण में सात सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है जो आगे बढ़ भी सकती हैं। फिलहाल पार्टी ने झाझा, चकई, कटोरिया, धमदाहा, मनिहारी, पीरपैंती और नाथनगर सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है।”

भट्टाचार्य ने इशारों में राजद नेता तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया, ‘‘राजद में नये नये नेता बने हैं …. वह तो सबकुछ भूल गये हैं। वह तो वास्तव में राजनीतिक मर्यादाएं ही भूल गये हैं। ” बिहार में महागठबंधन से अलग होने के झामुमो के फैसले का झारखंड में असर पूछे जाने पर उन्होंने दो टूक कहा, ‘‘फिलहाल झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि हम जिसके घर में दिया जलाते हैं उसे बुझाने में विश्वास नहीं रखते हैं।”

झामुमो के मुख्य प्रवक्ता ने बड़े तल्ख स्वर में कहा, ‘‘राजद को यह नहीं भूलना चाहिए कि जब झारखंड में उनके लिए कोई एक दिया जलाने वाला नहीं था तो हमने विपक्ष में होते हुए उन्हें 2019 के विधानसभा चुनावों में उनकी राजनीतिक हैसियत से अधिक सीटें दीं और सिर्फ एक विधायक के भी चुनाव जीतने पर उसे सम्मान के साथ राज्य में मंत्री बनाया जिससे राजद के झारखंड कार्यालय में बुझा हुआ दीपक जल पाया।”

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘और आज लोग केवल अच्छे दिन आने के सपने देख रहे हैं और राजनीतिक मर्यादाएं भूल जा रहे हैं। कैसे चलेगा, यह सब?” लालू यादव से भी सवाल पूछते हुए भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘लालू जी, आप सामाजिक न्याय की बात करते हैं, तो बिहार के संबन्ध में सामाजिक न्याय के लिए झामुमो की राजनीतिक भागीदारी की बात कहां गयी ?” एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ किया, ‘‘हमने आज तक इंतजार किया लेकिन अब स्थितियां स्पष्ट हो गयी हैं। हम अकेले, पूरे दमखम से चुनाव लड़ेंगे।”

इससे पूर्व राजद ने बिहार में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे की घोषणा के दौरान कहा था कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से अपने कोटे की 144 सीटों में से झामुमो को वह सम्मानजनक सीटें देंगे। लेकिन राजद ने आज तक झामुमो को एक भी सीट देने की घोषणा नहीं की जबकि प्रथम चरण के लिए अपने 41 प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी। (एजेंसी)