अंधविश्वास ने ली मासूम की जान, खेत में मिला कान, नाक और नाख़ून कटा शव

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आज के समय में भी कुछ लोग अंधविश्वास (Superstition) पर आँखें (Eye) बंद कर भरोसा (Trust) करते हैं। इसी वजह से बहुत से लोगों का बहुत नुकसान भी हो जाता है, वहीं कई लोगों की तो जान ही चली जाती है। आज हम आपको ऐसा ही एक मामला बताने जा रहे हैं जहाँ अंधविश्वास की वजह से एक मासूम की जान चली गई। यह मामला अलवर (Alwar) के नावली गांव का है। यहाँ अंधविश्वास के चलते 11 साल (11 Years Old) के बच्चे की बलि दे दी गई। 

रविवार (Sunday) को बच्चे का शव (Death body) खेत में रोंगटे खड़े होने वाली हालत में मिला। जहाँ बच्चे का कान(Ear), नाक (Nose) और नाख़ून (Nails) कटा हुआ था, साथ ही उसके आँखों में काजल (Kajal) भी लगा हुआ था। बच्चे के पिता रघुवीर (Raghuveer) ने थाने जाकर गांव के ही ढोंगी बाबा कालू बैरवा समेत कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है, उस शिकायत में पिता ने बताया कि ढोंगी बाबा गढ़ा धन निकालने के लिए अलग-अलग तरह के हतकंडे अपनाता है, वहीं उन्होंने हत्या की भी शिकायत की है।

शनिवार से लापता था बच्चा- 
परिजनों के मुताबिक, बच्चा शनिवार से गायब था। घरवालों ने कुछ लोगों पर अपहरण का शक जताते हुए मालाखेड़ा थाने की अकबरपुर चौकी में लिखित शिकायत भी दी थी। लेकिन फिर रविवार की सुबह बच्चे का शव खेत में मिला। घटनास्थल पर कई आला अधिकारी पहुंचे। साथ ही फॉरेसिंक टीम और डॉग स्क्वॉड बुलाकर जांच कराई गई। वहीं SP तेजस्विनी गौतम के मुताबिक हत्या की जांच चल रही है। जब बच्चे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आएगी तब ही अपहरण और हत्या के सही कारणों के बारे में पता चेलगा। कुछ संदिग्धों को हिरासत में भी लिए गए हैं। 

पिता को बाबा ने धमकाया था-
मृत बच्चे के पिता ने बताया कि उनके तीन लड़के हैं। दूसरे बेटा निर्मल बाबू शनिवार डॉ लापता था, उसकी बहुत तलाश भी की, लेकिन उसका पाता नहीं चला। अगले दिन रविवार को दोपहर 3 बजे गांव के ही एक व्यक्ति ने शव के सरसों के खेत में पड़े होने की सूचना दी। जब पिता ने वहां जाकर देखा तो निर्मल मृत अवस्था में पड़ा था। उसके नाक, कान और नाखून कटे हुए थे। साथ ही घटनास्थल पर बलि और तंत्र विद्या जैसे कई निशान भी मिले। जिसके बाद पिता को ढोंगी बाबा कालू और अन्य कुछ लोगों पर बलि देने का शक हुआ। पिता रघुवीर ने बताया कि कुछ दिन पहले उनका कालू विवाद भी हुआ था, जिसके बाद उसमें रघुवीर को अहित कर देने की धमकी भी दी थी।

ढोंगी कालू बाबा करता था पाखंड-
बच्चे के पिता के अनुसार, बाबा कालू बैरवा के कुटुंब में नंदा, बाल्या, बद्री, रमेश हैं। कालू अपने पाखंड में लोगों को फसता था, जैसे निसंतानों को बच्चा कराने, गड़ा धन निकालने। पिता बताते हैं कि गढ़ा धन निकालने के लिए वे लोग बच्चे की बलि देने के लिए कहा करते थे। वहीँ कालू ने आपना पीर चबूतरा मृतक बच्चे के घर के पास ही बना रखा है।  

बच्चे का शव लेने से किया मना-
मृतक बच्चे के परिवार वालों ने बच्चे का शव लेने से माना कर दिया था। परिवार वालों ने आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक पोस्टमॉर्टम करने से भी माना किया था। जिसके बाद लगभग डेढ़ घंटे तक परिवार वालों को समझाया गया, फिर उन्होंने मेडिकल बोर्ड को पोस्टमॉर्टम करने की मंजूरी दी। बोर्ड में शामिल डॉ. मनोहरलाल ने बताया कि बच्चे की हत्या गला दबाकर की गई है। कान, नाक, काटने के बारे में ठीक से कुछ कहना अभी संभव नहीं है।