Telangana gets relief from court, petitions filed for construction of new secretariat dismissed

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हैदराबाद. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार को राहत देते हुए तेलंगाना उच्च न्यायालय ने उन सभी जनहित याचिकाओं को सोमवार को खारिज कर दिया जिनमें मौजूदा सचिवालय भवन को गिराकर एक नया सचिवालय परिसर बनाने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी गई थी। मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति अभिषेक रेड्डी की खंडपीठ के इस फैसले के बाद के. चंद्रशेखर राव नीत सरकार के लिए नये सचिवालय के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है जिसका शिलान्यास पिछले साल 27 जून को किया गया था।

याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि राज्य विशाल कर्ज के साथ गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इस समय इतना ज्यादा खर्च न तो आर्थिक दृष्टि से व्यवहार्य है और न ही यह सरकार के विवेक को दर्शाएगा। याचिकाकर्ताओं की यह भी दलील थी कि मौजूदा सचिवालय का भूतपूर्व राज्य आंध्र प्रदेश का शासन भी इस्तेमाल कर रहा था और परिसर की कई इमारतों का पिछले कुछ वर्षों में ही निर्माण किया गया था। पीठ ने कहा कि अदालत को नये सचिवालय के निर्माण के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले में कोई मनमानी या अनुचित बात नजर नहीं आती।

फैसले पर अतिरिक्त महाधिवक्ता जे रामचंद्र राव ने टिप्पणी की कि नये सचिवालय के निर्माण की मंजूरी मिल गई है। याचिकाकर्ताओं में से एक, प्रोफेसर पी एल विशेश्वर राव ने कहा कि वह पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे या तथ्यों एवं आंकड़ों के साथ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे। राज्य सरकार ने पूर्व में संकेत दिया था कि करीब चार लाख वर्ग फुट में बनने वाले नये सचिवालय के निर्माण में करीब 400 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। विपक्षी दलों ने भी नये सचिवालय के निर्माण को लेकर आपत्ति जताई है।(एजेंसी)