कोच्चि. केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को बृहस्पतिवार को आदेश दिया कि वह निलंबित आईएएस अधिकारी (IAS officer) एवं केरल के मुख्यमंत्री (Kerala Chief Minister) के पूर्व प्रधान सचिव (Principal Secretary) एम शिवशंकर (M Shivshankar) को 23 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करे और उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर अपनी रिपोर्ट दायर करे। अदालत ने शिवशंकर की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान, केरल में सोने की तस्करी के मामले में धन के लेन-देन संबंधी जांच कर रही ईडी को यह आदेश दिया।
अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 23 अक्टूबर की तारीख तय की और केंद्रीय एजेंसी को शिवशंकर को तब तक गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया। मामले में ईडी की जांच के दायरे में आए शिवशंकर ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका के कारण बुधवार को अग्रिम जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अग्रिम जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि उसने शिवशंकर की गिरफ्तारी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया है।
उसने विस्तृत उत्तर दायर करने के लिए समय मांगा। शिवशंकर ने अपनी याचिका में कहा है कि एक जिम्मेदार सरकारी सेवक के रूप में उन्होंने अपराध की जांच में अधिकतम सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें ईडी ने विभिन्न आरोपियों और गवाहों द्वारा दिये गये बयानों से आमना-सामना कराने के लिये उन्हें कई बार तलब किया। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि उन्हें इस बात की पूरी आशंका है कि जांच एजेंसी ‘मीडिया ट्रायल’ और उनकी गिरफ्तारी की लगातार मांग के कारण दबाव में आकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।(एजेंसी)