Assam Assembly

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गुवाहाटी. असम विधानसभा (Assam Assembly) में शीतकालीन सत्र (Winter Session) के पहले दिन सोमवार को विपक्ष (Opposition) ने लोगों द्वारा जमीन कब्जा करने और नए केंद्रीय कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ लाए गए स्थगन प्रस्तावों को खारिज किए जाने के बाद हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित किया गया।

विधानसभा अध्यक्ष हितेंद्र नाथ गोस्वामी (Hitendra Nath Goswami) ने तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए प्रस्ताव लाने की अनुमति प्रदान नहीं की, जिसके चलते शोर-शराबे की स्थिति बन गई। विपक्ष के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गए और तख्तियां दिखाने लगे, जिसके विरोध में भाजपा विधायकों ने अपनी सीट से ही नारेबाजी की। राज्य भर में लोगों द्वारा जमीन पर किए गए अतिक्रमण के संबंध में पहला नोटिस कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया एवं सात अन्य सदस्यों ने दिया।

गोस्वामी ने कहा, “नियमानुसार, प्रस्ताव का नोटिस संबंधित मंत्री के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री को भी भेजा जाना चाहिए। इस मामले में, इसे संबंधित मंत्री और मुख्यमंत्री को को नहीं भेजा गया था इसलिए मैं नियम 58 के तहत इसे खारिज करता हूं।”

वहीं, दूसरा नोटिस तीन नए कृषि कानूनों के संभावित प्रभावों के संबंध में एआईयूडीएफ के सदस्य हाफिज बशीर अहमद एवं छह अन्य ने दिया था। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “यह नोटिस मान्यताओं पर आधारित है। ऐसे में नियम 56 के तहत कोई भी मुद्दा बिना तथ्यात्मक आधार के नहीं उठाया जा सकता।”

इसके बाद विपक्ष ने अध्यक्ष से इन मुद्दों को उठाने देने की अपील की। हालांकि, अध्यक्ष ने उनका अनुरोध ठुकरा दिया, जिसके बाद विपक्ष के हंगामे के चलते शोर-शराबे के हालात बन गए। अध्यक्ष ने 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित किया और बाद में दोबारा कार्यवाही शुरू की गई। (एजेंसी)