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देहरादून: उत्तराखंड पुलिस (Uttrakhand Police) के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) (Special Task Force) की टीम ने टेलीविजन कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (Kaun Banega Crorepati) में जीतने के नाम पर अब तक 12 करोड़ रुपये की ठगी (Cheating) करने के आरोप में दो साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) को तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तिरूवेनवल्ली (Tiruvenvalli) से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारतीय सेना में हवलदार (Indian Army Soldier) के पद पर कार्यरत एक व्यक्ति द्वारा दर्ज शिकायत की जांच के दौरान इन दोनों को गिरफ्तार किया गया। 

शिकायतकर्ता ने बताया कि, उसे व्हाट्सएप (Whats App) पर लकी ड्रा (Lucky Draw) के आधार पर इस कार्यक्रम में 25 लाख रुपये जीतने की जानकारी दी गयी तथा पंजीकरण शुल्क, बैंक शुल्क तथा आयकर आदि के नाम पर उनसे विभिन्न बैंक खातों में सात लाख रुपये जमा करवा लिए गए जबकि वास्तव में उन्हें जीत की कोई राशि नहीं मिली। 

पुलिस ने बताया कि जब आरोपियों द्वारा प्रयुक्त मोबाइल नंबरों तथा बैंक खातों की जांच की गई तो पता चला मोबाइल नंबर कर्नाटक और बिहार के क्षेत्रों के थे और पाकिस्तान का ‘आईपी एड्रेस’ इस्तेमाल कर उनसे शिकायतकर्ता को फोन किया गया था। 

उन्होंने बताया कि बैंक खातों के बारे में सामने आया कि साइबर अपराधियों ने तमिलनाडु, असम, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक के कुल 14 खातों का इस्तेमाल करते हुए उनमें सात लाख रुपये की राशि जमा कराई है।

इन बैंक खातों में मात्र तीन माह की अवधि में ही एक करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ। जांच में टीम ने दो आरोपियों वल्लीनायगम और पी जॉनसन, की पहचान की और तमिलनाडु के तिरूवेलवल्ली जाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने बताया, ‘‘ये दोनों एक प्रतिष्ठित कंपनी के डीलर हैं और उनका संपर्क श्रीलंका और दुबई में उसी कंपनी के अन्य डीलरों से भी है। दुबई तथा श्रीलंका के डीलर ही ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के नाम पर जनता को लॉटरी जीतने का लालच देकर धोखाधड़ी करते हैं और पैसा जमा कराने के लिए आरोपियों के बैंक खातों का नंबर देते हैं। इन बैंक खातों में जब पैसा आ जाता है तो ये आरोपी अपना तीन से पांच प्रतिशत का कमीशन काटकर बाकी पैसा श्रीलंका और दुबई भेज देते थे।” 

पुलिस के अनुसार आरोपियों ने बताया है कि ये लोग पिछले पांच-छह साल से यह अवैध काम कर रहे थे और अब तक विभिन्न राज्यों में 10-12 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। (एजेंसी)