Saugata Roy

Loading

कोलकाता. गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह के दिन किसानों (Farmers) के ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade), पुलिस के साथ झड़प (Clash) और लाल किला (Red Fort) पर अपना झंडा लगाने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय (Saugata Roy) ने मंगलवार को कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं कर सकती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को कृषि कानूनों (Agriculture Laws) पर केन्द्र का रूख स्पष्ट करना चाहिए।

किसान आंदोलन (Farmer Protest) पर प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की चुप्पी पर भी उन्होंने आश्चर्य जताया। प्रदर्शनकारी किसानों के लाल किला परिसर में घुसने और किले के गुंबदों पर झंडे लगाने की घटना का संदर्भ देते हुए रॉय ने पत्रकारों से कहा, इसका अर्थ है कि पुलिस उन्हें रोकने में विफल रही है।

केन्द्र के कृषि कानूनों के विरोध में करीब दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों को दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को गणतंत्र दिवस समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते पर ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी। लेकिन ट्रैक्टरों पर सवार किसान समय से पहले ही अवरोधकों को तोड़ते हुए अलग-अलग रास्तों से राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश कर गए। कई जगहों पर पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और उनके खिलाफ लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले दागे गए।

मध्य दिल्ली में आईटीओ पर पुलिस के साथ झड़प के बाद किसानों का एक समूह लाल किला पहुंच गए। वहां उन्होंने किले के गुंबदों और ध्वजस्तंभ पर झंगा लगाया जहां 15 अगस्त के समारोह में प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं। पुलिस ने हालांकि, लाल किला से प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटा दिया है और शाहदरा के चिंतामणि चौक पर अवरोधक तथा कारों के सीसे तोड़ने पर पुलिस ने उनके खिलाफ लाठी चार्ज किया। अक्षरधाम मंदिर के पास सुरक्षा बलों के साथ निहंगों की झड़प हुई।

रॉय ने कहा, “इसकी जांच की जानी चाहिए कि दिल्ली पुलिस स्थिति को संभाल क्यों नहीं सकती और लाठी चार्ज की नौबत क्यों आयी। पुलिस किसानों के समूह को लाल किला परिसर में प्रवेश करने से क्यों नहीं रोक सकी?”

तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा, “लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि हिंसा किसी परेशानी, समस्या का हल नहीं हो सकती है।” इतने लंबे समय तक किसान आंदोलन पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर तृणमूल कांग्रेस सांसद ने कहा, “कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग पर वह देश को केन्द्र सरकार का रूख क्यों नहीं बता रहे हैं?” रॉय ने कहा, “हम चाहते हैं कि किसान अपनी मांगे पूरी होने तक आंदोलन शांतिपूर्ण, अहिंसक तरीके से जारी रखें।” (एजेंसी)