फोटोदेश के पहले शिक्षा मंत्री की जयंती पर मनाया जाता है ‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस’
भारत में आज 11 नवंबर को ‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की जयंती 11 नवंबर को होती है, जिसे देश में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस” के रूप में मनाया जाता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) ने 11 सितंबर, 2008 को घोषणा की कि भारत में अबुल कलाम आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान हैं इसलिए उनको याद करके भारत के इस महान पुत्र के जन्मदिन को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। आज हम आपको बता रहे हैं मौलाना अबुल कलाम आजाद के जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें।
1/7
- मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद खैरुद्दीन था, जो एक मुस्लिम विद्वान थे।
2/7
- आजाद भारत के शिक्षा मंत्री रहते हुए मौलाना आजाद ने राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली बनाई। मुफ्त प्राथमिक शिक्षा उनका मुख्य उद्देश्य था।
3/7
4/7
- वह आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
5/7
-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्लोनॉजी (IIT) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की स्थापना का श्रेय मौलाना आजाद को ही जाता है।
6/7
- उन्होंने शिक्षा और संस्कृति के विकास के लिए संगीत नाटक अकादमी (1953), साहित्य अकादमी (1954) और ललितकला अकादमी (1954) जैसे उत्कृष्ट संस्थानों की भी स्थापना की।
7/7
- शिक्षा के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान के लिए मरणोपरान्त मौलाना आजाद को साल 1922 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था ।
We use cookies on our website to provide you with the best possible user experience. By continuing to use our website or services, you agree to their use. More Information.