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सुधा का जन्म एक तेलुगू परिवार में हुआ और वह अपने माता पिता की अकेली संतान थी। सुधा चंद्रन ने 3 साल की उम्र से डांस सीखना शुरू किया। उन्होंने 8 साल की उम्र में अपनी पहली स्टेज परफॉर्मेंस दी थी।  
सुधा का जन्म एक तेलुगू परिवार में हुआ और वह अपने माता पिता की अकेली संतान थी। सुधा चंद्रन ने 3 साल की उम्र से डांस सीखना शुरू किया। उन्होंने 8 साल की उम्र में अपनी पहली स्टेज परफॉर्मेंस दी थी।  
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16 साल की उम्र में सुधा चंद्रन 75 स्टेज  परफॉर्मेंसेस दे चुकी थी। वह डांस के अलावा पढाई में भी होशियार थी। 
16 साल की उम्र में सुधा चंद्रन 75 स्टेज  परफॉर्मेंसेस दे चुकी थी। वह डांस के अलावा पढाई में भी होशियार थी। 
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मई 1981 में सुधा चंद्रन का एक्सीडेंट हुआ था। जिसके बाद उनकी ज़िंदगी बदल गई। एक्सीडेंट के बाद सुधा चंद्रन का ठीक से इलाज नहीं हो पाया था, जिसके कारण उनके पैर में गैंग्रीन(मांस सड़ने लगा) हो गया। यह गैंग्रीन उनके पूरे शरीर में भी फैल सकता था। 
मई 1981 में सुधा चंद्रन का एक्सीडेंट हुआ था। जिसके बाद उनकी ज़िंदगी बदल गई। एक्सीडेंट के बाद सुधा चंद्रन का ठीक से इलाज नहीं हो पाया था, जिसके कारण उनके पैर में गैंग्रीन(मांस सड़ने लगा) हो गया। यह गैंग्रीन उनके पूरे शरीर में भी फैल सकता था। 
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गैंग्रीन को फैलने से रोकने के लिए उनका दाया पैर घुटने से नीचे 7.5 इंच तक काटा गया ताकि यह इनफेक्शन ना फैले। इनफेक्शन तो फैलने से रुक गया था लेकिन अब सुधा बुरी तरह से टूट गई थी। लेकिन, सुधा चंद्रन ने हार नहीं मानी।
गैंग्रीन को फैलने से रोकने के लिए उनका दाया पैर घुटने से नीचे 7.5 इंच तक काटा गया ताकि यह इनफेक्शन ना फैले। इनफेक्शन तो फैलने से रुक गया था लेकिन अब सुधा बुरी तरह से टूट गई थी। लेकिन, सुधा चंद्रन ने हार नहीं मानी।
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उन्होंने आर्टिफिशियल पैर के सहारे एक बार फिर चलना सीखा। उन्हें आर्टिफिशियल पैर के साथ चलना सीखने में उन्हें 4 महीने का समय लग गया।इसके बाद उन्होंने डांस करना शुरू किया। शुरुआत में उन्हें काफी दर्द होता था लेकिन, वह कभी रुकी नहीं।  
उन्होंने आर्टिफिशियल पैर के सहारे एक बार फिर चलना सीखा। उन्हें आर्टिफिशियल पैर के साथ चलना सीखने में उन्हें 4 महीने का समय लग गया।इसके बाद उन्होंने डांस करना शुरू किया। शुरुआत में उन्हें काफी दर्द होता था लेकिन, वह कभी रुकी नहीं।  
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साल 1984 में सुधा चंद्रन ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में स्टेज परफॉर्मेंस दिया था। कई लोग उन्हें डांस करते हुए देखने आये थे। ऑडियंस में सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि मीडिया और कई फिल्मी सितारे भी थे। 
साल 1984 में सुधा चंद्रन ने मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में स्टेज परफॉर्मेंस दिया था। कई लोग उन्हें डांस करते हुए देखने आये थे। ऑडियंस में सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि मीडिया और कई फिल्मी सितारे भी थे। 
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सुधा चंद्रन का यह शो देखने हैदराबाद की  रामोजी राव फिल्म इंडस्ट्री के मालिक रामोजी राव भी मौजूद थे। सुधा ने इस शो में अपना बेस्ट परफॉर्मेंस   दिया। इसी पल ने उनकी ज़िंदगी बदल दी। इस डांस परफॉर्मेंस के बाद उन्हें ना सिर्फ भारतीय बल्कि इंटरनेशनल मीडिया ने भी काफी सराहा । 
सुधा चंद्रन का यह शो देखने हैदराबाद की  रामोजी राव फिल्म इंडस्ट्री के मालिक रामोजी राव भी मौजूद थे। सुधा ने इस शो में अपना बेस्ट परफॉर्मेंस   दिया। इसी पल ने उनकी ज़िंदगी बदल दी। इस डांस परफॉर्मेंस के बाद उन्हें ना सिर्फ भारतीय बल्कि इंटरनेशनल मीडिया ने भी काफी सराहा । 
8/10
रामोजी राव ने सुधा चंद्रन की जीवनी पर तेलुगु भाषा में एक फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में सुधा चंद्रन मुख्य भूमिका में नज़र आई थी।इस फिल्म का नाम मयूरी था। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड जीता। 
रामोजी राव ने सुधा चंद्रन की जीवनी पर तेलुगु भाषा में एक फिल्म बनाई थी। इस फिल्म में सुधा चंद्रन मुख्य भूमिका में नज़र आई थी।इस फिल्म का नाम मयूरी था। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड जीता। 
9/10
इस फिल्म को मलयालम और तमिल में डब किया गया और  'नाचे मयूरी' नाम से इस फिल्म को हिंदी में दोबारा बनाया गया।
इस फिल्म को मलयालम और तमिल में डब किया गया और  'नाचे मयूरी' नाम से इस फिल्म को हिंदी में दोबारा बनाया गया।
10/10
सुधा हिंदी, तमिल, मलयालम, तेलुगू, गुजराती,  कन्नड़ भाषा की कई फिल्मों में काम कर चुकी है, उन्होंने कई टीवी सीरियल्स में भी काम किया है और कुछ डांस रियलिटी शो में बतौर जज रह चुकी है।  
सुधा हिंदी, तमिल, मलयालम, तेलुगू, गुजराती,  कन्नड़ भाषा की कई फिल्मों में काम कर चुकी है, उन्होंने कई टीवी सीरियल्स में भी काम किया है और कुछ डांस रियलिटी शो में बतौर जज रह चुकी है।