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क्या आपने किसी जानवर को पेंटिंग बनाते देखा हैं? दरअसल साऊथ अफ्रीका का एक सुअर दुनियाभर जबरदस्त पेंटिंग बनाने के लिए प्रसिद्ध हो रही है। जी हां ... सूअर! जिसकी पेंटिंग लाखों रुपये में बिक रही है।
क्या आपने किसी जानवर को पेंटिंग बनाते देखा हैं? दरअसल साऊथ अफ्रीका का एक सुअर दुनियाभर जबरदस्त पेंटिंग बनाने के लिए प्रसिद्ध हो रही है। जी हां ... सूअर! जिसकी पेंटिंग लाखों रुपये में बिक रही है।
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पिकासो से प्रेरणा लेकर इस सूअर का नाम 'पिगकासो' रखा गया है। इसने अबतक कई पेंटिंग्स बना चुका है। उसकी पेंटिंग्स कई देशों में खरीदी जा रही हैं। 
 उससे वो मोटी कमाई कर रहा है।
पिकासो से प्रेरणा लेकर इस सूअर का नाम 'पिगकासो' रखा गया है। इसने अबतक कई पेंटिंग्स बना चुका है। उसकी पेंटिंग्स कई देशों में खरीदी जा रही हैं। उससे वो मोटी कमाई कर रहा है।
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पिग्कासो की उम्र 4 साल है और ये मादा सुअर है। इसे स्लाटर हाउस में जाने से चंद घंटे पहले ही बचाया गया था तब वो महज दो महीने की थी। बता दें कि , उसके दातों में कूची थमाई जाती है और सामने कैनवस रखा जाता है। तब वो कूची को रंगों में डालकर उसे कैनवस पर फेरना शुरू कर देती है। इससे कई तरह की एबस्ट्रेक्ट पेंटिंग बनने लगती है।
पिग्कासो की उम्र 4 साल है और ये मादा सुअर है। इसे स्लाटर हाउस में जाने से चंद घंटे पहले ही बचाया गया था तब वो महज दो महीने की थी। बता दें कि , उसके दातों में कूची थमाई जाती है और सामने कैनवस रखा जाता है। तब वो कूची को रंगों में डालकर उसे कैनवस पर फेरना शुरू कर देती है। इससे कई तरह की एबस्ट्रेक्ट पेंटिंग बनने लगती है।
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 पिगकासो की मालिकन का नाम जोने लेफसन है। दोनों साउथ अफ्रीका में रहते हैं। इस सूअर की पेंटिंग से जितनी कमाई होती है। वो पैसे नेक काम के लिए इस्तेमाल होते हैं। लेफसन पेंटिंग के इस पैसों से अपने फार्म में रहने वाले बाकी जानवरों के देखभाल के लिए खर्च करती हैं।
पिगकासो की मालिकन का नाम जोने लेफसन है। दोनों साउथ अफ्रीका में रहते हैं। इस सूअर की पेंटिंग से जितनी कमाई होती है। वो पैसे नेक काम के लिए इस्तेमाल होते हैं। लेफसन पेंटिंग के इस पैसों से अपने फार्म में रहने वाले बाकी जानवरों के देखभाल के लिए खर्च करती हैं।
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 पिगकासो दुनिया की अकेली पिग पेंटर है। हाल ही में उसके आर्ट वर्क को 3000 पाउंड में बेचा गया। वैसे उसकी 44 पेंटिंग्स कई देशों में खरीदी जा चुकी हैं, जिसमें ब्रिटेन, अमेरिका, साउथ कोरिया और मलेशिया शामिल हैं। अब उसकी पेंटिंग की कीमत 4000 पाउंड तक भी पहुंचने लगी है।
पिगकासो दुनिया की अकेली पिग पेंटर है। हाल ही में उसके आर्ट वर्क को 3000 पाउंड में बेचा गया। वैसे उसकी 44 पेंटिंग्स कई देशों में खरीदी जा चुकी हैं, जिसमें ब्रिटेन, अमेरिका, साउथ कोरिया और मलेशिया शामिल हैं। अब उसकी पेंटिंग की कीमत 4000 पाउंड तक भी पहुंचने लगी है।
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साउथ अफ्रीका की एनिमल वेलफेयर कैंपेनर जोयने लेफसन ने उसे एक फार्म से बचाया, फिर उसे केपटाउन के पास एक फॉर्म में रखा गया, जहां आमतौर पर बचाए गए जानवर रखे जाते हैं। पिगकासो की मालिकिन जोयने लेफसन कहती हैं, सुअर बहुत स्मार्ट जानवर होते हैं।
साउथ अफ्रीका की एनिमल वेलफेयर कैंपेनर जोयने लेफसन ने उसे एक फार्म से बचाया, फिर उसे केपटाउन के पास एक फॉर्म में रखा गया, जहां आमतौर पर बचाए गए जानवर रखे जाते हैं। पिगकासो की मालिकिन जोयने लेफसन कहती हैं, सुअर बहुत स्मार्ट जानवर होते हैं।
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पिगकासो की हालिया पेटिंग का नाम ब्रेक्जिट है। जिसमें उसने ब्रिटिश फ्लैग के रंगों को पेंटिंग में उकेरा है। ये 1730 पाउंड में बिकी, इसे एक डच नागरिक ने अपने कलेक्शन के लिए खरीद लिया जबकि उसकी शुरुआती पेंटिंग न्यूयॉर्क के एक वकील ने खरीदा।
पिगकासो की हालिया पेटिंग का नाम ब्रेक्जिट है। जिसमें उसने ब्रिटिश फ्लैग के रंगों को पेंटिंग में उकेरा है। ये 1730 पाउंड में बिकी, इसे एक डच नागरिक ने अपने कलेक्शन के लिए खरीद लिया जबकि उसकी शुरुआती पेंटिंग न्यूयॉर्क के एक वकील ने खरीदा।
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एक दिन जोयने ने देखा कि युवा पिगकासो ने वहां काम कर रहे एक कर्मचारी का रंगने का ब्रश मुंह से उठाया और उसे वो इधर उधर फिराने लगी। तब जायने ने उसे कैनवस देने का फैसला किया।
एक दिन जोयने ने देखा कि युवा पिगकासो ने वहां काम कर रहे एक कर्मचारी का रंगने का ब्रश मुंह से उठाया और उसे वो इधर उधर फिराने लगी। तब जायने ने उसे कैनवस देने का फैसला किया।
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पिगकासो जब जागी हुई होती है तो उसके मुंह में कूची ही दबी हुई होती है, इसके अलावा वो खाती है और सोती है। पिगकासो की पेंटिंग्स की दो प्रदर्शनी भी केपटाउन में पिछले महीने लग चुकी है।  अगले महीने उसकी पेंटिंग सेंट्रल लंदन में लगने वाली है, इसके बाद पेंटिंग्स एग्जीविशन का पड़ाव पेरिस, बर्लिन और एम्सटर्डम में पडे़गा।
पिगकासो जब जागी हुई होती है तो उसके मुंह में कूची ही दबी हुई होती है, इसके अलावा वो खाती है और सोती है। पिगकासो की पेंटिंग्स की दो प्रदर्शनी भी केपटाउन में पिछले महीने लग चुकी है। अगले महीने उसकी पेंटिंग सेंट्रल लंदन में लगने वाली है, इसके बाद पेंटिंग्स एग्जीविशन का पड़ाव पेरिस, बर्लिन और एम्सटर्डम में पडे़गा।
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पिगकासो को पेंटिग करते हुए देखने के लिए केपटाउन के इस फॉर्म में लोग आते हैं। फॉर्म में रहने वाले डॉग्स के लिए ये पेंटिंग करता हुआ पिग किसी कौतुहल से कम नहीं।  बता दें कि, पेंटिग्स में वो एक्रीलिक पेंट और चुकंदर के जूस का इस्तेमाल करती है। हालांकि उसके लिए रंगों के चयन का काम जोयने ही करती हैं।
पिगकासो को पेंटिग करते हुए देखने के लिए केपटाउन के इस फॉर्म में लोग आते हैं। फॉर्म में रहने वाले डॉग्स के लिए ये पेंटिंग करता हुआ पिग किसी कौतुहल से कम नहीं। बता दें कि, पेंटिग्स में वो एक्रीलिक पेंट और चुकंदर के जूस का इस्तेमाल करती है। हालांकि उसके लिए रंगों के चयन का काम जोयने ही करती हैं।