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विश्वभर में आज यानि 13 अक्टूबर को आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है। यह दिवस आपदा रहित समाज का निर्माण करने के लिए नागरिकों तथा सरकार को प्रोत्साहित करता है।
विश्वभर में आज यानि 13 अक्टूबर को आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है। यह दिवस आपदा रहित समाज का निर्माण करने के लिए नागरिकों तथा सरकार को प्रोत्साहित करता है।
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इस दिन का मुख्य उद्देश्य आपदा को नियंत्रित करना, उसके जोखिम को कम करना और समाज को सुरक्षित रखना है।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य आपदा को नियंत्रित करना, उसके जोखिम को कम करना और समाज को सुरक्षित रखना है।
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किसी भी तरह की आपदा हो, चाहे प्राकृतिक या मानव आपदा इस दिन का उदेश्य लोगों को इन खतरों के बारे में बताना और उन्हें जागरूक करना है।
किसी भी तरह की आपदा हो, चाहे प्राकृतिक या मानव आपदा इस दिन का उदेश्य लोगों को इन खतरों के बारे में बताना और उन्हें जागरूक करना है।
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विश्व आपदा दिवस को आपदा जोखिम में कमी के लिए 1989 में शुरू किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने “जोखिम-जागरूकता और आपदा में कमी की वैश्विक संस्कृति को बढ़ावा देने” के लिए एक दिन का आह्वान किया था।
विश्व आपदा दिवस को आपदा जोखिम में कमी के लिए 1989 में शुरू किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने “जोखिम-जागरूकता और आपदा में कमी की वैश्विक संस्कृति को बढ़ावा देने” के लिए एक दिन का आह्वान किया था।
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इसके साथ साल 2016 में सेंदाई सात नामक अभियान की शुरुआत की गई, जिसमें आपदाओं के नुकसान को कम करने के लिए सात लक्ष्यों को निर्धारित किया गया। इन सात लक्ष्यों को सेंदाई सात नाम से जाना जाता है।
इसके साथ साल 2016 में सेंदाई सात नामक अभियान की शुरुआत की गई, जिसमें आपदाओं के नुकसान को कम करने के लिए सात लक्ष्यों को निर्धारित किया गया। इन सात लक्ष्यों को सेंदाई सात नाम से जाना जाता है।
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आपदा एक अचानक होने वाली विध्वंसकारी घटना होती है। जिसके आने के बाद बहुत सी चीज़ों का भारी नुकसान होता है। जैसे जनहानि, मालहानि, पर्यावरण हानि, आदि। आपदा को अंग्रेजी भाषा में डिजास्टर (Disaster) कहते हैं।
आपदा एक अचानक होने वाली विध्वंसकारी घटना होती है। जिसके आने के बाद बहुत सी चीज़ों का भारी नुकसान होता है। जैसे जनहानि, मालहानि, पर्यावरण हानि, आदि। आपदा को अंग्रेजी भाषा में डिजास्टर (Disaster) कहते हैं।
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विश्व निकाय का कहना है कि, “COVID-19 और जलवायु आपातकाल हमें बता रहे हैं कि, हमें जनता की भलाई के लिए वैज्ञानिक प्रमाणों पर काम करने वाली स्पष्ट दृष्टि, योजनाओं और सक्षम, सशक्त संस्थाओं की आवश्यकता है।”
विश्व निकाय का कहना है कि, “COVID-19 और जलवायु आपातकाल हमें बता रहे हैं कि, हमें जनता की भलाई के लिए वैज्ञानिक प्रमाणों पर काम करने वाली स्पष्ट दृष्टि, योजनाओं और सक्षम, सशक्त संस्थाओं की आवश्यकता है।”
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इस दिन आपदा से बचने के कई तरीकों को बताया जाता है और पर्यावरण को कैसे ठीक रखें इस बारे में भी जानकारी दी जाती है।
इस दिन आपदा से बचने के कई तरीकों को बताया जाता है और पर्यावरण को कैसे ठीक रखें इस बारे में भी जानकारी दी जाती है।